ग़ाज़ियाबाद (19 दिसंबर 2019)- वर्दी पर स्टार बढ़वाने और प्रमोशन पाने के लालच में दो थानों की पुलिस टीम पर फर्ज़ी एंनकाउंटर के आरोप लग गये हैं। इतना ही नहीं दो लोगों को मुठभेड़ में गोली मारने वाली पुलिस टीम के ख़िलाफ अदालत ने एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई के आदेश कर दिये हैं। इस मामले में विजय नगर थाना और साहिबाबाद थाने के एक इंसपैक्टर, चार सब इंसपैक्टर सहित 14 पुलिसकर्मियों और दो अन्य लोगों के खिलाफ अदालत ने मामला दर्ज करने के आदेश दिये हैं।
मामला ग़ाज़ियाबाद के दो अलग अलग थानों विजय नगर और साहिबाबाद का है। जहां पर दो आरोपियों को मुठभेड़ के गोली मारने और गिरफ्तार करने के मामले उत्तर प्रदेश पुलिस के गले की फांस बन गये हैं। दोनों मामले अदालत तक जा पहुंचे और एफआईआर दर्ज करने और जांच के आदेश अदालत ने दे दिये हैं।
इस मामले पर हमने गाजियाबाद के एसएसपी सुधीर कुमार सिंह से उनका पक्ष जानना चाहा तो फिलहाल उनकी ओर से कोई जवाब नहीं मिल पाया है।
मामले की जानकारी देते हुए ग़ाज़ियाबाद के सीनियर एडवोकेट ख़ालिद ख़ान ने बताया कि उन्होने गाजियाबाद की सीजेएम कोर्ट में दोनों वादियों की ओर याचिकाएं दायर की थीं। ग़ाज़ियाबाद के जानेमाने क्रिमनल लॉयर ख़ालिद ख़ान के मुताबिक़ थाना विजय नगर और थाना साहिबाबाद की पुलिस ने प्रमोशन के लालच में नियमों को ताक़ पर रखते हुए वादी को न सिर्फ गोली मारी बल्कि अपहरण जैसे कई गंभीर अपराधों को अंजाम दिया है।
ख़ालिद ख़ान के मुताबिक़ उन्होने मोहसिन ख़ान नामक एक पीड़ित की ओर गाजियाबाद के मुख्य न्यायित मैजिस्ट्रेट के समक्ष 156(3) सीआरपीसी के तहत एक गुहार लगाई थी। जिसमें साहिबाबाद पुलिस के विरुद्ध आईपीसी की धारा 147,148,149, 363,364 अपहरण 307 हत्या का प्रयास 201 व 120 बी यानि साजिश रचने के आरोप थे। ख़ालिद ख़ान के मुताबिक़ इस मामले में साहिबाबाद थाने में तैनात एसआई शैलेंद्र सिंह, एसआई सलाहुद्दीन, कांस्टेबल सौरभ सोलंकी, कांस्टेबल शमशाद,कां. ललित कुमार,कां. संजय, कां. संजीव गुप्ता और एक अन्य व्यक्ति निखिल कुमार को नामज़द किया गया था।
एडवोकेट ख़ालिद ख़ान के मुताबिक़ मोहसिन ख़ान के भाई संजीद के विरुद्ध साहिबाबाद पुलिस ने साजिश रचते हुए आनन फानन में एफआईआर दर्ज करते हुए, उसको मुठभेड़ में मार गिराने की साजिश रची थी। ख़ालिद ख़ान के मुताबिक़ पीड़ित का आरोप है कि साहिबाबाद थाने में रंजिशन उसके भाई के विरुद्ध 13 अगस्त 2019 को निखिल कुमार व उसकी एक नौकरानी द्वारा 21 अगस्त 2019 को मुकदमा दर्ज कराया था। ख़ालिद ख़ान के मुताबिक जब संजीद को इस बात का पता चला तो वह निसार नामक व्यक्ति के साथ थाना साहिबाबाद में सरेंडक करने के लिए गया। लेकिन पुलिस ने साजिश के तहत संजीद को थाने में सरेंडर न कराकर प्रमोशन के लिए एंकाउंटर की प्लानिंग बना ली। ख़ालिद ख़ान ने बताया कि मोहसिन ख़ान का आरोप है कि इसके बाद 4 सितंबर 2019 को तैनात उक्त आरोपी एसआई शैलेंद्र सिंह व उनके अन्य सहयोगियों ने संजीद और निसार को करहेड़ा कट के पास से सफेद रंग की स्विफ्ट में जान से मारने की नीयत से अपहरण कर कोयल एंक्लेव के पास मुठभेड़ दिखाते हुए संजीद को गोली मार दी, जो कि उसके पैर में लगी और निसार को डराकर गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। एडवोकेट खालिद खान के मुताबिक पुलिस ने केवल 15 दिन पहले लिखवाए मुकदमें को आधार बनाकर संजीद पर 25 हज़ार रुपये का ईनाम घोषित कर दिया। साथ बिना अदालत के वारंट या धारा-82,83 सीआरपीसी जैसी क़ाननी प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया। गाजियाबाद के वरिष्ठ वकील खालिद खान के मुताबिक इसी वजह से संजीद को उत्तर प्रदेश पुलिस रेगुलेशन के तहत इन मामलों में ईनामी भी घोषित नहीं किया जा सकता था। साथ आरोप यह भी है कि सबूतों को मिटाने के लिए पुलिस ने चार घंटे बाद जीडी में एंट्री कर डाली थी।
इसके अलावा एडवोकेट ख़ालिद ख़ान ने बताया कि उनकी एक अन्य वादी श्रीमति यासमीन की ओर थाना विजय नगर में तैनात इंसपक्टर और थाना प्रभारी श्यामवीर सिंह, एसआई कवीश कुमार, एसआई ब्रह्मपाल सिहं, कांस्टेबल विपिन चावला, कां. मनोज बालियान व अन्य व्यक्तियों मोनी उर्फ रामकुमार व अनुज के विरुद्ध अपहरण, हत्या का प्रयास आदि जैसे गंभीर मामलों में याचिका दायर की गई थी। पीड़िता का आरोप है कि विजय नगर क्षेत्र के शराब और गांजा माफिया ने उसके भाई फरमान, साजेब और आमिर के खिलाफ मामले दर्ज करवा दिये थे। जिसके बाद जब वह अपने भाई को लेकर थाना विजय नगर सरेंडर करने गई तो पुलिस ने कहा कि यह तो मोस्ट वांटेड है एंकाउटंर करके प्रमोशन मिलेगा। जिसके बाद वह गाजियाबाद कोर्ट सरेंडर करने पहुंची और वकील से अपने कागजात भी तैयार कराए और वहां आमिर ने एक फाइल में भी हाजिरी लगाई थी। एडवोकेट खालिद खान ने बताया कि इसके बाद जब वह अपने भाई के साथ अदालत से बाहर निकली तो विजय नगर थाने मे तैनात उक्त आरोपी पुलिस कर्मियों ने वहां से आमिर के मुंह पर कपड़ा डालकर उसका अपहरण कर एक सफेद स्कार्पियो में डालकर ले गये। विजय नगर थाना क्षेत्र के सिद्धार्त विहार के एक सुनसान इलाके में उक्त आरोपी पुलिसकर्मियों ने आमिर को मुठभेड़ में गोली मार दी, जो कि उसके पैर में लगी थी। इस मामले में भी आरोप है कि पुलिस ने बिना किसी काननूी कार्रवाई और ठोस कारणों के सिर्फ प्रमोशन लेने के लिए पहले आमिर को मोस्ट वांटेड घोषित किया फिर उसको अपहरण करके मुठभेड़ में मारने की साजिश रची थी।
एडवोकेट ख़ालिद खा़न ने बताया कि दोनों ही मामलों में गाजियाबाद के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने थाना विजय नगर प्रभारी व थाना साहिबाबाद प्रभारी को आरोपी एसआई और सभी पुलिस कर्मियों के ख़िलाफ संबधित धाराओं में मामला दर्ज कर जांच के आदेश दे दिए हैं।