ऐसा कभी नहीं सोचा था कि कभी #पत्रकारिता जैसे सम्मानित और ज़िम्मेदारी भरे शुभकार्य में सेवा करने,और देशभर में #टीवी पर दिखने का मौक़ा भी मिलेगा।ये मेरा सौभाग्य है कि #oppositionnews लांच करने से पहले डीडी आंखों देखी, #सहारा समय, #इंडिया_टीवी, #इंडिया_न्यूज़ जैसे कई राष्ट्रीय #न्यूज चैनल्स में जिम्मेदार पदों पर कार्य करते हुए देश की पत्रकारिता के स्तंभ माने जाने वाले पत्रकारों मैडम नलिनी सिंह, आदरणीय प्रभात डबराल, श्रीमान विनोद दुआ जी, श्री रजत शर्मा जी, श्री रामकृपाल जी, श्री अंबिकानंद सहाय जी, श्री हेमंत शर्मा जी, भाई दीपक चौरसिया जी, श्रीमान मुकेश कुमार जी जैसे लोगों के साथ काम करने और सीखने का मौका मिला। लेकिन सबसे पहले मैं अपने मार्गदर्शक मेरे पिता श्री एम के सिद्दीकी को पूरा श्रेय देता हूं। मेरे आदर्श मेरे बड़े छाया आदरणीय शौकत अली साहब, मेरे प्रोफेशनल गुरु एस एम अली साहब का आभारी हूं। मेरे दोस्त फरमान अली जी के प्रोत्साहन और शकील भाई के सहयोग के बाद एक पत्रकार होने का एहसास जगा। सबसे पहले ग़ाजियाबाद से केबल पर प्रसारित होने वाले लोकल चैनलों में कुछ महीने काम करने के दौरान मैडम नलिनी सिंह जी ने दिल्ली में #आंखो_देखी के लिए मौका दिया। इसके बाद श्री प्रभात डबराल के आशीर्वाद से #सहारा_समय की लांचिग टीम के साथ लगभग पांच साल काम करने का मौक़ा मिला और श्री विपिन धूलिया, राव वीरेंद्र सिंह जी जैसे पत्रकारों के सानिध्य में सीखने का सिलसिला जारी रहा। इसके बाद श्री रजत शर्मा जी ने इंडिया टीवी में अपने आशीर्वाद से नवाज़ा और एस1 में श्री मुकेश कुमार के साथ कार्य किया। होते होते वॉयस ऑफ इंडिया तक के सफर में श्री रामकृपाल जी के प्रेम और मार्गदर्शन से बहुत कुछ सीखने का मौक़ा मिला। अपने टेलीविजन पत्रकारिता के सफर के दौरान सहारा, के अलावा सीएनईबी, इंडिया न्यूज़ समेत कई चैनलों में काम करने के दौरान श्री विनोद दुआ जी, श्री दीपक चौरसिया जी, श्री किशोर मालवीय जी, जैसे पत्रकारिता के दिग्गजों का आशीष भी मिला।
इन्ही सब के सानिध्य में रह कर एसवाई ख़ान जी के अपार सहयोग से चैनल1 और गुलिस्तान न्यूज़ चैनल जैसे दो चैनलों को बतौर चैनल हैड लॉंच कराने का साहस भी मिला और आज भी कुछ करने की चाहत बनी हुई है। सफर जारी रहा और साधना न्यूज, एसएमबीसी, इंडिया वॉच, न्यूज़1इंडिया तक पहुंचते पहुंचते टीवी जर्नलिज़्म को पास से देखने का मौक़ा मिला। लेकिन इस सबके बावजूद चैनलों के मंहगे खर्चों, मौजूदा पत्रकारिता में मार्किटिंग और विज्ञापन के बढ़ते दबाव और उसके वर्चस्व की वजह से कई बार ख़ुद को मौजूदा व्यवस्था में नाकाम पाता हूं। मेरा ख़ुदा जानता है कि आज तक अपनी तनख्वाह के अलावा मैंने किसी अन्य प्रकार की कमाई को अपने घर में जगह नहीं दी… लेकिन आज भी ख़ुद को एक पत्रकार कहने में हिचकता हूं, क्योंकि निजी तौर पर मेरा मानना है कि पत्रकारिता एक ऐसी सेवा है, जिसकी गरिमा, बारीकियों और ज़िम्मेदारियों को समझना हम जैसे नासमझ के लिए आसान नहीं है।
जैसा कि एक स्वस्थ लोकतंत्र में एक मज़बूत और स्वच्छ विपक्ष की भांति… मीडिया के कुछ चाटुकारों की भीड़, ख़बरों, सामाजिक समस्याओं से समझौता और समाज को ही नज़रअंदाज़ करने के बढ़ते प्रचलन को देखते हुए…. एक ऐसा मंच दरकार था.. जो कि सिर्फ ख़बरों और सामाजिक सरोकार को समाज और सिस्टम से रू-ब-रू कराता रहे। इसी कोशिश में #अपोजिशन अपोज़िशन न्यूज आपके सामने है… साथ ही आपका सहयोग और मार्गदर्शन प्रार्थनीय है, क्योंकि इसके बग़ैर #azadkhalid का मिशन #opposition_news अधूरा है।
वर्तमान में #ग़ाज़ियाबाद के वरिष्ठ पत्रकार श्री फरमान अली के सहयोग व निरंतर प्रयासों और सुझावों से आपकी आवाज़ का ये कारवां azad khalid के साथ opposition news बतौर आपकी आवाज़ मौजूद है।
आपसे अनुरोध है कि कोई भी ख़बर या अपनी राय और लेख कृपया हमें मेल करें… [email protected]