gda smart vision गाजियाबाद, (8 जून 2025) शहर को आधुनिक और सुव्यवस्थित बनाने के लिए जीडीए (गाजियाबाद विकास प्राधिकरण) पूरी गंभीरता से जुटा हुआ है। प्राधिकरण ने शहरी बुनियादी ढांचे में सुधार, कनेक्टिविटी बढ़ाने, डिजिटल परिवर्तन लाने, शहरी हरियाली और सांस्कृतिक पार्कों को बढ़ावा देने जैसी कई महत्वपूर्ण पहल की हैं।
शहर के विकास और हरियाली के लिए महत्वपूर्ण परियोजनाएं
जीडीए ने शहर के विकास और हरियाली को बढ़ावा देने के लिए कई परियोजनाओं पर काम शुरू कर दिया है:
- हरनंदीपुरम योजना: बढ़ती जनसंख्या की जरूरतों को पूरा करने के लिए GDA 20 साल बाद अपनी नई और महत्वपूर्ण हरनंदीपुरम योजना को धरातल पर उतारने के लिए तैयार है। हाल ही में इस योजना के तहत पहली भूमि खरीद का बैनामा किया गया है, जो शहर के विकास में एक बड़ा कदम साबित होगा। गाजियाबाद विकास प्राधिकरण लगभग 2500 करोड़ रुपये की लागत से पहले चरण में योजना के पांच गांवों की जमीन खरीदने की कवायद में रफ्तार पकड़ रहा है।
- ‘वेस्ट-टू-वंडर‘ और थीम पार्क: शहर में नए हरित स्थान को बढ़ावा देने के लिए तीन आधुनिक पार्कों का निर्माण किया जा रहा है। इनमें ग्रीनवुड पार्क, संस्कृति दर्शन पार्क, और रामायण थीम पार्क शामिल हैं। यहां न केवल टहलने और मनोरंजन के लिए जगह देंगे, बल्कि बच्चों के लिए नए खेल और सांस्कृतिक अनुभवों से रूबरू होने के अवसर भी प्रदान करेंगे।
- सिटी फॉरेस्ट का पुनर्विकास: सिटी फॉरेस्ट का आधुनिक तरीके से पुनर्विकास उद्यान की टीम करा रही है, जिससे यह नगरवासियों के लिए “वन स्टेप डेस्टिनेशन” बनेगा।
- शहरी हरियाली को बढ़ावा: प्राधिकरण टीम द्वारा शहरी हरियाली को बढ़ावा देने के लिए वृक्षारोपण अभियान चलाया जा रहा है। साथ ही, इंदिरापुरम विस्तार योजना में स्थित शमशान घाट के पीछे के पार्क का उद्यानिक विकास भी तेजी से हो रहा है।
शहर में यातायात को सुगम बनाने और जाम की समस्या से निजात दिलाने के लिए GDA ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं:
- हम तुम रोड, चार्म्स कैसल और नूरनगर में प्रस्तावित ज़ोनल रोड्स: इन नई सड़कों के निर्माण से शहर की कनेक्टिविटी में उल्लेखनीय सुधार होगा, जिससे यातायात का दबाव कम होगा और लोगों को जाम से राहत मिलेगी।
- एलिवेटेड रोड नई कनेक्टिविटी: यातायात समस्या के समाधान के लिए एलिवेटेड रोड के कनेक्टिविटी विस्तार पर गहन विचार-विमर्श किया गया है। इसमें दिल्ली से वसुंधरा और इंदिरापुरम की ओर एलिवेटेड रोड से जुड़ने की संभावनाओं के साथ-साथ सिद्धार्थ विहार से जुड़ने की व्यवहार्यता भी शामिल है।
आवासीय योजनाओं का पुनर्विकास
GDA पुरानी आवासीय योजनाओं के पुनर्विकास और नई योजनाओं को धरातल पर उतारने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है:
- तुलसी निकेतन का सर्वे: तुलसी निकेतन का सर्वे किया गया है और इसके पुनर्विकास के लिए जनप्रतिनिधियों के माध्यम से निवासियों के साथ जनसंवाद स्थापित किया गया है। इसके बाद जीडीए निर्मित 288 एलआईजी और 2004 ईडब्ल्यूएस भवनों का नियोजन PPP मॉडल पर किया जा रहा है।
- पीएमएवाई योजनाएं अंतिम चरण: नूरनगर, प्रताप विहार, निवाड़ी मोदीनगर, डासना, मधुबन बापूधाम और निजी विकासकर्ताओं के निर्मित आदि ईडब्ल्यूएस योजनाएं अपने अंतिम चरण में हैं, जो जल्द ही लोगों को किफायती आवास प्रदान करेंगी।
कई बड़ी परियोजनाएं इस समय में प्रगति पर हैं, जो गाजियाबाद के विकास को नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगी:
- मधुबन बापूधाम में बुनकर मार्ट एक्सपो एवं कन्वेंशन सेंटर: मधुबन बापूधाम में बुनकर मार्ट एक्सपो एवं कन्वेंशन सेंटर का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। इस परियोजना में कन्वेंशन हॉल, कॉन्फ्रेंस रूम, एक्सपो हॉल, ओपन थिएटर, फूड कोर्ट और दुकानों का निर्माण कार्य भी प्रगति पर है, जिसकी अनुमानित लागत लगभग 152.56 करोड़ रुपये है।
पारदर्शिता और त्वरित समाधान
प्राधिकरण ने अपनी सेवाओं में पारदर्शिता लाने और नागरिकों की समस्याओं का त्वरित समाधान करने के लिए डिजिटल पहलें की हैं:
- पब्लिक एक्सेस फॉर हाउसिंग एंड प्रॉपर्टी अलॉटमेंट लॉगिन (पहल पोर्टल): पारदर्शिता और त्वरित समाधान के लिए पहल पोर्टल लागू किया गया है। यह पोर्टल संपत्ति से जुड़े सभी कार्य, जानकारी और स्वचालित भुगतान सुविधाएं प्रदान करेगा, जिससे प्रक्रियाएं सुगम होंगी।
- कोर्ट केसेस मॉनिटरिंग पोर्टल: लंबित न्यायिक मामलों की स्थिति की जानकारी उपलब्ध कराने के लिए एक विशेष मॉनिटरिंग पोर्टल बनाया गया है, जो न्यायिक प्रक्रियाओं में पारदर्शिता लाएगा।
मधुबन बापूधाम योजना में बिजली आपूर्ति/निर्माण कार्य में सुधार
GDA की मधुबन बापूधाम योजना में बिजली आपूर्ति और निर्माण कार्यों में आ रही अड़चनों को दूर करने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। उपाध्यक्ष के निर्देशों पर तत्काल 33 KV हाई टेंशन वायर को शिफ्ट कर PVVNL को हस्तांतरित किया गया, जिससे न केवल बिजली आपूर्ति सुनिश्चित हुई बल्कि निर्माण कार्य भी बाधाओं से मुक्त हो सके।