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चिनूक के बाद वायुसेना को मिला पहला अपाचे हेलीकॉप्टर, चीन-पाक सीमा पर होगी तैनाती

चिनूक के बाद वायुसेना को मिला पहला अपाचे हेलीकॉप्टर, चीन-पाक सीमा पर होगी तैनाती

भारतीय वायू सेना की शक्ति में एक और इजाफा हुआ है। अमेरिका ने शनिवार को पहला अपाचे AH-64E(I) गार्डियन अटैक हेलीकॉप्टर भारतीय वायु सेना को सौंप दिया है।

भारत ने अमेरिका से सितंबर 2015 में कुल 22 अपाचे AH-64E(I) अटैक हेलीकॉप्टर्स का सौदा किया था। पहली खेप में 4 हेलीकॉप्टर्स आएंगे और बाकी के 18 हेलीकॉप्टर्स 2020 तक भारतीय वायुसेना में शामिल होने की संभावना जताई जा रही है।
आपको बता दें कि इस हेलिकॉप्टर के आ जाने से भारतीय वायू सेना की ताकत में बढ़ोतरी के साथ-साथ एक नए हथियार भी प्राप्त हुए हैं।

अपाचे AH-64E(I की खास बातें

 इन हेलीकॉप्टर्स को भारतीय वायुसेना की ज़रूरतों के हिसाब से तैयार किया है।
 ये पहाड़ों में दुश्मन को ठिकानों पर हमला करने की खास महारत रखता है।
 वहीं इसमें लगे अचूक रॉकेट्स और मिसाइलें ज़मीन पर मौजूद दुश्मन की फौजों और आर्मर्ड दस्तों को आसानी से तबाह कर सकता है।
 अटैक हेलीकॉप्टर्स आसानी से कहीं भी ले जाए जा सकते हैं और इनके ज़रिए ज़मीन पर आगे बढ़ रही सेना को दुश्मन के टैंकों और हेलीकॉप्टर्स के हमले से बचाया जा सकता है।
 अपाचे में दो क्रू मेंबर होते हैं और ये 293 किमी तक की रफ्तार से उड़ सकता है।
 इसे 21000 फीट की ऊंचाई तक ले जाया जा सकता है और ये एक बार ईंधन भरने के बाद 476 किमी तक जा सकता है।

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Originally published on www.bhaskar.com

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