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देश की सबसे बड़ी जांच ऐजेंसी सीबीआई एक बार फिर चर्चा में-7 साल पुराने हत्या के केस को सुलझाने में मदद करने वाले को 10 लाख के ईनाम

navaruna murder case, muzaffarpur navruna murder case, cbi, muzaffarpur bihar girl nav aruna murder case cbi probe,cbdid,bihar police,मुज़फ़्फ़रपुर (6 नवंबर 2019)- करोड़ों खर्च करके बोफोर्स की जांच में खाली हाथ रहने का मामला हो या फिर अपने दो टॉप अधिकारियों द्वारा एक दूसरे के खिलाफ रिश्वत लेने जैसे कई संगीन आरोपों में एफआईआर दर्ज कराने को चर्चा में रही सीबीआई एक बार फिर सुर्खियों में है। और इस बार चर्चा की वजह है मुजफ्फरपुर की दीवारों पर लगे वो पोस्टर जो कि सीबीआई के नाम से लगाए गये हैं। दरअसल मुज़फ़्फ़रपुर की लड़की नवअरुणा की हत्या की गुत्थी को कई साल से न सुलझा पाने वाली देश की सबसे बड़ी जांच ऐजेंसी ने अब दस लाख रुपये उस शख्स को बतौर ईनाम देने का ऐलान किया है जो इस हत्या के राज को खोलने में सीबीआई की मदद करेगा।
पोस्टर के मुताबिक मुज़फ़्फ़रपुर जिले के चर्चित नवअरुणा हत्याकांड मामले की गुत्थी सुलझाने के लिए सीबीआई ने आमलोगों से मदद की गुहार लगाई है। सीबीआई ने एलान किया है कि इस मामले की गुत्थी सुलझाने वालों के 10 लाख रुपये इनाम दिया जायेगा।अब इसे लेकर सीबीआई की ओर से पूरे जिले में पोस्टर चस्पा किये गये हैं। जिसमे मदद की अपील के साथ इनाम दिये जाने का एलान किया गया है। बता दें कि 18 सितंबर 2012 की रात मुजफ्फरपुर के जवाहरलाल रोड स्थित अपने घर में सो रही नवरुणा का अपहरण उसके कमरे की खिड़की का ग्रिल काटकर कर लिया गया था। अपहरण के ढाई महीने बाद उसके घर के पास के नाले की सफाई के दौरान एक मानव कंकाल मिला था। डीएनए जांच में इस कंकाल के नवरुणा के होने की पुष्टि हुई थी। इस बहुचर्चित मामले की सबसे पहले पुलिस ने और फिर सीआइडी ने जांच की थी लेकिन किसी को भी कोई इस केस को सुलझाने में सफलता नहीं मिली थी। लोगों को शायद सीबीआई पर पूरा भरोसा था इसलिए मामले की सीबीआई जांच से कराए जाने की हर तरफ से मांग उठने के बाद बिहार सरकार ने सितंबर 2013 में इसकी जांच सीबीआई को सौंप दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने पांचवीं बार इस मामले की जांच की डेडलाइन 15 सितंबर तय की थी। नवरुणा के माता-पिता ने अपनी बेटी की हत्या भू-माफिया द्वारा उनकी जमीन हड़पने की नियत से किए जाने का आरोप लगाया था इस मामले की जांच फरवरी 2014 से सीबीआई द्वारा की जा रही है। लेकिन अबतक इस मामले के आरोपियों को पकड़ा नहीं जा सका है नवरुणा के परिजनों को अब भी इंसाफ की तलाश है।
वहीं पूरे मामले में नवरूणा के पिता अतुल चक्रवर्ती ने बताया कि सीबीआई की टीम पर पहले से ही नही था भरोसा अब भी नही है। सीबीआई के जांच को लगातार ही कठघरे में किया है और कहा कि बच्ची नवरूणा का अपरहरण भारतीय न्याययिक व्यवस्था के लिय एक चुनौती दिया है।
बता दें कि इस मामले में सीबीआई के द्वारा अब यह अंतिम चरण है जब साढ़े पांच साल तक मामले में जांच कर न्याययिक कर परिजनों को न्याय नहीं मिल पाया है ये बहुत ही बड़ा सवाल सीबीआई की जांच व्यवस्था के साथ ही प्रणाली पर सवाल उठाया है। परिजनों ने कहा अब भरोसा सिर्फ सिर्फ भगवान औऱ सर्वोच्च न्यायालय पर है, किसी दूसरे पर नही।

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आज़ाद ख़ालिद टीवी जर्नलिस्ट हैं, सहारा समय, इंडिया टीवी, वॉयस ऑफ इंडिया, इंडिया न्यूज़ सहित कई नेश्नल न्यूज़ चैनलों में महत्वपूर्ण पदों पर कार्य कर चुके हैं। Read more

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