छत्रपति शिवाजी सुभारती अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में परिवार के चार लोगों सहित भर्ती मेरठ के शास्त्रीनगर निवासी एक युवक को तीन दिन पहले कोरोना के लक्षण होने पर भर्ती कराया गया था। आरोप है कि इस युवक ने दूसरे दिन ही वार्ड में तैनात डाक्टरों से छुट्टी को लेकर घर पर भेजने का दबाव बनाने का प्रयास किया। उसने एक फर्जी वीडियो बनाकर भी वायरल कर दिया। आरोपी के खिलाफ अस्पताल के अधीक्षक की ओर से जानी थाना में केस दर्ज कराया गया है।
अस्पातल प्रशासन के मुताबिक संदिग्ध मरीज ने अस्पताल में उत्पात मचाकर हंगामा शुरू कर दिया और अपने लिये अस्पताल में अलग से केवल चार बिस्तर वाला वार्ड अटैच टायलेट बाथरूम के साथ मांगा। साथ ही सभी के लिए गर्म खाना व दवाओं की मांग की। जिस पर अस्पताल के कर्मियों द्वारा बताया गया कि अस्पताल में चार बिस्तर वाला कोई अलग से वार्ड नही है। क्वारेंटाइन में रखे गये लोगों को तब तक बीमार नहीं माना जाता जब तक उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव ना आए या कोई लक्षण न हो। लोगों को क्वारेंटाइन में केवल निगरानी के लिये रखा जाता है। इसमें दवाओं की कोई आवश्यकता नहीं है।
आइसोलेशन में युवक को सभी सुविधाएं दी जा रही थीं
अस्पताल प्रशासन की ओर से बताया गया कि खाना व नाश्ता सहित अन्य आवश्यक सुविधाएं आइसोलेशन और क्वारेंटाइन में भर्ती सभी को दी जा रही है। छुट्टी मांगने पर उस युवक को समझाया गया कि आप बीमार नहीं है बल्कि संक्रमण रोकने हेतु आपको देखभाल के लिये रखा गया है। जिसमें प्रशासन के आदेशानुसार कोरोना के लक्षण वाले मरीजों को 14 दिनों तक आइसोलेशन में रखना है ताकि समाज के अन्य लोगों में कोरोना वायरस को फैलने से रोका जा सके।
खाने को डस्टबिन में फेंककर वीडियो वायरल कर दिया था
अस्पताल प्रशासन का आरोप है कि छुट्टी नहीं मिलने पर आवेश में आकर संदिग्ध मरीज ने अस्पताल द्वारा मिले खाने को डस्टबिन के पास फेंक कर उसकी वीडियो बनाकर अपने संबंधियों को भेजकर वायरल करा दी, जिसमें उसने कहा कि उसे अस्पताल में खराब खाना मिल रहा है।
मामले को संज्ञान में लेते हुए सुभारती अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डा.जे.पी सिंह ने थाना जानी में आरोपी युवक के विरूद्ध एफआईआर पंजीकृत कराई है। जिसमें चिकित्सीय कार्य में बांधा डालने व वीडियो आदि के माध्यम से लोगो को भ्रमित करने वाले दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की मांग की गई है।
वहीं अस्पताल प्रशासन ने बताया कि अस्पताल के डॉक्टर और नर्सिंग स्टॉफ इस समय भी अस्पताल में आने वाले मरीजों को सामाजिक दूरी बनाकर लगातार उनकी जांच कर रहे हैं। सुभारती अस्पताल में समाजिक दूरी के लिये एक-एक मीटर पर गोल घेरा बना हुआ है जिसके माध्यम से लोग डाक्टरों तक पहुंचकर अपनी जांच करवा रहे हैं।