
बड़े ग़ौर से सुन रहा था ज़माना
हम ही सो गए दास्तां कहते कहते
-गाजियाबाद की राजनीति के चाणक्य थे राजपाल त्यागी
-मुरादनगर से भाजपा विधायक अजीत पाल त्यागी ने पिता राजपाल त्यागी के दुखद निधन की दी सूचना
-शाम 4 बजे हिंडन मोक्ष स्थली पर होगा अंतिम संस्कार
ग़ाज़ियाबाद (18 जुलाई 2025)- एक ज़माना था कि जब देश की राजनीति कांग्रेस के इर्द-गिर्द घूमती थी और स्व इंदिरा गांधी का आशीर्वाद हर सियासतदां के लिए कामयाबी का सर्टिफिकेट माना जाता था। उसी दौर में गाजियाबाद में खासतौर से मुरादनगर क्षेत्र में कांग्रेस के विधायक राजपाल त्यागी राजनीतिक अखाड़े के बेताज बादशाह माने जाते थे। लेकिन किसी वजह से इंदिरा गांधी ने विधानसभा चुनाव में उनका टिकट काट दिया। जो विधायक राजपाल त्यागी के लिए एक बड़ा झटका था। लोगों को लगा कि इंदिरा गांधी की नाराज़गी राजपाल त्यागी का राजनीतिक भविष्य खत्म कर देगी। लेकिन किसान का बेटा राजनीति में हाथ आजमाने आया तो किसी के रहम की भीख के सहारे नहीं। जनता के दिलों को जीतने का हुनर जानने वाले राजपाल त्यागी ने दिल्ली दरबार में और इंदिरा गांधी जी के सामने टिकट के लिए गिड़गिड़ाने के बजाय निर्दलीय मैदान में उतरने कि फैसला किया। और जिस दौर में इंदिरा गांधी के नाम पर चुनाव के नतीजे कांग्रेस की लहर का ऐलान कर रहे थे, उसी लहर के विरुद्ध राजपाल त्यागी ने निर्दलीय जीत कर विधानसभा में एक बार फिर अपनी लोकप्रियता का डंका बजा दिया और साबित कर दिया कि कौन कहता है कि आसमान में छेद नहीं हो सकता… अगर राजनीति करने और सियासत में कुछ करने की सोचने वालों के मन में यह सवाल आए तो उनको गाजियाबाद में कई बार के विधायक और उत्तर प्रदेश में कैबिनेट मंत्री रहे एक आम से किसान के बेटे राजपाल त्यागी की व्यक्तित्व को समझना होगा। वही राजपाल त्यागी जो आज यानी 18/07/2025 को ही इस फानी दुनियां को अलविदा कह गए हैं।
गाजियाबाद के मुरादगर क्षेत्र के एक सीधे सादे किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाले राजपाल त्यागी पश्चिमी उत्तर प्रदेश के राजनीति में एक हस्ताक्षर माने जाते हैं। देहाती पृष्ठभूमि से उतर प्रदेश की राजनीति में बुलंदियों को छूने वाले पूर्व कैबिनेट मिनिस्टर राजपाल त्यागी अपनी सियासी विरासत अपने होनहार बेटे अजीत पाल त्यागी को सौंप गए हैं जो कि वर्तमान में गाजियाबाद के मुरादनगर से बीजेपी के एमएलए हैं।
राजपाल त्यागी के निधन पर जनता दल यूनाइटेड के महासचिव और पूर्व सांसद केसी त्यागी ने गहरा शोक व्यक्त किया है। केसी त्यागी का कहना है कि राजपाल त्यागी आम जनता, किसानों मजदूरों की दबंग आवाज़ थे, गाजियाबाद ही नहीं पूरे उत्तर प्रदेश की सियासत में राजपाल त्यागी जी का एक मुकाम रहा है।
एक किसान का बेटा जब सियासत के खेत में फसल काटने उतरा तो उसने सबसे पहले आम जनता को जीतने का हुनर सीखा। किसी भेदभाव के बगैर किसी भी धर्म के लोग राजपाल त्यागी से दिली मौहब्बत करते थे। स्वास्थ्य कारणों और बढ़ती उम्र के चलते राजपाल त्यागी काफी समय से सीधे तौर पर सियासत में सक्रिय न रहे हों लेकिन उनके सुपुत्र अजीत पाल त्यागी अपने पिता की विरासत को संभालते हुए कई बार न सिर्फ विधानसभा पहुंच चुके हैं बल्कि अपने पिता की तरह जनता के चहेते बने हुए हैं।
आज भले ही राजपाल त्यागी जनता के बीच न रहे हों लेकिन लोगों के दिलों में उनकी मौजूदगी देर तलक रहेंगी।
(आज़ाद ख़ालिद टीवी पत्रकार हैं डीडी आंखों देखी सहारा समय इंडिया टीवी इंडिया न्यूज़ सहित कई राष्ट्रीय चैनलों में जिम्मेदार पदों पर कार्य कर चुके हैं।)