–राहुल गांधी शरद पवार और अखिलेश यादव जैसे भी तलाश रहे महादेव जानकर में उम्मीद की किरण
– महाराष्ट्र ही नहीं देशभर के पिछड़े और कमजोर समाज में महादेव जानकर की पकड़
-आने वाले चुनावी माहौल में महादेव जानकर का राष्ट्रीय समाज पक्ष दिखा सकता है राजनीतिक शक्ति

नई दिल्ली (31 मई 2025)- क्या आने वाले दिनों में खासतौर से चुनावी राजनीति में एक नई उभरती हुई पार्टी राष्ट्रीय समाज पक्ष कमजोरों पिछड़ों और अल्पसंख्यक समाज की राजनीति का केंद्र बन सकती है। क्या राष्ट्रीय समाज पक्ष के संस्थापक महादेव जानकर मायूसी के दौर से गुजर रहे पिछड़े कमजोर वंचित और अल्पसंख्यक समाज के राजनीतिक वारिस के तौर पर खुद को स्थापित कर पाएंगे। क्या महाराष्ट्र में धनकर समाज के नेता महादेव जानकर की राजनीतिक ताकत को शरद पवार, राहुल गांधी, तेजस्वी यादव और अखिलेश यादव समेत पीडीए यानी पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक की वकालत करने वाले लोगों ने पहचान लिया है। क्या महादेव जानकर महाराष्ट्र के अलावा उत्तर प्रदेश में भी अपनी पार्टी राष्ट्रीय समाज पक्ष का विस्तार करने वाले हैं। ये तमाम सवाल राजनीति के गलियारों में बहुत तेजी से उठ रहे हैं। इसकी वजह है 31 मई 2025 को दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में गरीबों कमजोरों की महान नायिका अहिल्याबाई बाईं होलकर की याद में होने वाला एक सम्मेलन। जिसके आयोजन में धनकर समाज के नेता महादेव जानकर के साथ शरद पवार और कांग्रेस नेता राहुल गांधी के मंच साझा किये जाने की चर्चा है। यानी आने वाले दिनों में इंडिया गठबंधन में पीडीए का एक मजबूत चेहरा शामिल हो सकता है।
दरअसल महादेव जानकर महाराष्ट्र में धनकर समाज के बेहद मजबूत नेता माने जाते हैं जो कि कभी बीजेपी के साथ मंत्री तक रह चुके हैं, लेकिन आज बीजेपी से अलग होकर अपना अलग सियासी दल राष्ट्रीय समाज पक्ष बना कर मैदान में उतर चुके हैं। आज देश की राजनीति में चर्चा गर्म है कि BJP के पूर्व सहयोगी महादेव जानकर के साथ एक ही मंच पर राहुल गांधी और शरद पवार दिखाई दे सकते हैं। दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में राष्ट्रीय समाज पक्ष के संस्थापक और धनकर समाज के नेता महादेव जानकर ने अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जयंती समारोह का आयोजन किया है, जिसमें कांग्रेस नेता राहुल गांधी, एनसीपी (एसपी) के मुखिया शरद पवार और समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव भी शामिल हो सकते हैं। महाराष्ट्र में धनकर (गड़रिया)समाज के मजबूत नेता महादेव जानकर बीजेपी से अलग होने के बाद अब विपक्षी गठबंधन के साथ जुड़ने जा रहे हैं। माना जा रहा है कि कांग्रेस नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, एनसीपी (एसपी) प्रमुख शरद पवार और समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव शनिवार को भाजपा के पूर्व सहयोगी और राष्ट्रीय समाज पक्ष के संस्थापक महादेव जानकर द्वारा आयोजित कार्यक्रम में मंच पर एक साथ देखे जा सकते हैं। बीजेपी से अलग होकर अपनी सियासी पहचान बनाने के लिए महादेव जानकर ने अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जयंती समारोह के अवसर पर एक कार्यक्रम आयोजित किया है। चर्चा है कि इस कार्यक्रम में इंडिया गठबंधन के तीनों नेता भी शिरकत कर सकते हैं।
हम आपको याद दिला दें कि कभी 2016-19 में बीजेपी नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार में मंत्री रह चुके महादेव जानकर को कथित तौर पर 2024 के विधानसभा चुनावों में बीजेपी ने नजरअंदाज कर दिया था , जिसके बाद उन्होंने अपना अलग सियासी रास्ता चुना। माना जा रहा है कि धनगर समुदाय के नेता महादेव जानकर तभी से कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्षी गठबंधन की ओर कदम बढ़ाने की कोशिश रहे हैं।और अब उन्होंने धनकर समाज से जुड़ी माने जाने वाली होल्कर वंश की रानी अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जयंती के अवसर पर भव्य समारोह का आयोजन किया है। महादेव जानकर का दावा है कि राहुल गांधी, शरद पवार और अखिलेश यादव ने दिल्ली में होलकर रानी की जयंती मनाने के लिए आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करने के लिए उनका निमंत्रण स्वीकार कर लिया है। हालांकि महादेव जानकर का कहना यह भी है कि उन्होंने राजद नेता तेजस्वी यादव और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन को भी निमंत्रण तो दिया है, लेकिन अभी तक कार्यक्रम में उनकी उपस्थिति की पुष्टि नहीं की गई है। महाराष्ट्र की राजनीति में मजबूत चेहरा माने जाने वाले महादेव जानकर की और उनके समाज की सोलापुर, सांगली, बारामती, परभणी, सतारा लोकसभा सीटों पर अच्छी खासी पकड़ है, और महादेव जानकर का धनकर समाज 30-32 से ज्यादा विधानसभा सीटों के नतीजों को प्रभावित कर सकता है। उल्लेखनीय है कि महादेव जानकर ने पिछली बार 2014 के लोकसभा चुनाव में बारामती से राकांपा नेता शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले के खिलाफ एनडीए उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा था लेकिन लगभग 70,000 वोटों से हार गए थे। किसी जमाने में महादेव जानकर को स्व. गोपीनाथ मुंडे और उसके बाद उनकी बेटी पंकजा मुंडे का करीबी माना जाता था। लेकिन बाद में बीजेपी के साथ महादेव जानकर के संबंध बिगड़ गए थे, क्योंकि कथित तौर पर बीजेपी ने धनगर समाज के ही गोपीनाथ पडलकर को बढ़ावा देना शुरू कर दिया था जोकि साल 2024 के विधानसभा चुनावों में जीत कर एमएलए भी बन गए थे।
बहरहाल महादेव जानकर और उनकी राष्ट्रीय समाज पक्ष पार्टी महाराष्ट्र से आगे बढ़ कर दिल्ली में सियासी दस्तक दे रही है। उसके लिए शरद पवार, राहुल गांधी, अखिलेश यादव और तेजस्वी यादव जैसे उन लोगों का साथ मिलता नजर आ रहा है जो कि कमजोरों, दलितों, पिछड़ों और अल्पसंख्यक समाज की वकालत करते दिखते हैं, लेकिन सच्चाई यह भी है आज बीजेपी भी इन्हीं सब तबकों में अपनी पैठ बना रही है। ऐसे में अपने पुराने नेताओं से किसी हद तक मायूस चल रहे कमजोर, दलित, पिछड़े और अल्पसंख्यक समाज के लोग महादेव जानकर की राष्ट्रीय समाज पक्ष से जुड़ पाएंगे यह बहुत बड़ा सवाल है।
( लेखक आज़ाद ख़ालिद वरिष्ठ टीवी पत्रकार हैं डीडी आंखों देखी, सहारा समय, इंडिया टीवी, इंडिया न्यूज़ सहित कई राष्ट्रीय चैनलों में जिम्मेदार पदों पर कार्य कर चुके हैं।)