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Opposition news Bsp mayawati akash Anand बीएसपी प्रमुख मायावती ने भतीजे आकाश आनंद पर फिर जताया भरोसा

-बीएसपी मुखिया मायावती का बड़ा ऐलान

Opposition news Bsp mayawati akash Anand
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नई दिल्ली (18 मई 2025)- दलितों कमज़ोर और बहुजन समाज की वकालत करने वाली बीएसपी मुखिया मायावती ने अपनी दूरगामी रणनीति का परिचय देते हुए अपने भतीजे आकाश आनंद को बीएसपी का लगभग दूसरे नंबर का नेता घोषित कर दिया है।

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भले ही कुछ मनुवादी या विरोधी दुष्प्रचार करें कि खुद को दूसरों से अलग बताने वाली, दलितों और कमजोरों की मसीहा माने जाने वाली सुश्री मायावती ने भी राजनीति में परिवारवाद के इतिहास को दोहराते हुए वही किया जो कभी जवाहर लाल नेहरू, इंदिरा गांधी, लालू प्रसाद यादव, सोनिया गांधी, मुलायम सिंह यादव, चौधरी चरण सिंह, चौधरी देवीलाल, चौधरी अजित सिंह,शरद पवार,बाला साहेब ठाकरे और चौधरी ओमप्रकाश चौटाला ने किया था।‌ यानी दरियां बिछाने और नारे लगाने वाले वफादार समर्थकों के बजाय अपने परिवार के ही लोगों पर भरोसा करना। लेकिन शायद बसपा प्रमुख मायावती को इन बातों से फर्क पड़ता नहीं दिख रहा है।
साथ ही विरोधी भले ही चीख चीखकर दिल्ली में होने वाली पार्टी की मीटिंग के बारे में यह कहें कि बीएसपी प्रमुख मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद को सरेआम लताड़ने, अपरिपक्व बताने के बावजूद आखिर कार एक बार फिर भरोसे के लायक क्यों मान लिया है। लेकिन बीएसपी समर्थकों पर इस दुष्प्रचार का कोई असर होना मुश्किल ही है।
विरोधियों को इतना तो समझ लेना चाहिए कि यह पार्टी का अंदरूनी मामला और बुआ भतीजे के बीच की बात है। लेकिन इतना तो तय है बहन जी के इस फैसले से पिछले कुछ दिनों से मायूसी के दौर से गुजर रहे समर्थक खुश नजर आ रहे हैं।
सबसे बड़ी चर्चा यही है कि बिहार चुनाव से पहले का यह बड़ा फैसला, क्या पार्टी की मौजूदा छवि को बदल पाएगा?
दरअसल बीएसपी प्रमुख बहन मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद को एक बार फिर बहुजन समाज पार्टी में अहम जिम्मेदारी दे दी है, जबकि इसी साल के आखिर तक बिहार में विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में सुश्री मायावती ने अपने भाई के बेटे आकाश आनंद की धमाकेदार वापसी करते हुए उनको नेशनल कॉर्डिनेटर की बड़ी जिम्मेदारी दी है।
दिल्ली से लखनऊ और बिहार तक बहुजन समाज पार्टी में एक बार फिर हुए संगठनात्मक बदलाव की धमक सुनाई दे रही है। 18 मई यानी रविवार को दिल्ली में आयोजित बसपा की वरिष्ठ नेताओं की बैठक में मायावती ने अपने भतीजे को मुख्य राष्ट्रीय समन्वयक नियुक्त करने के ऐलान के साथ आकाश को पार्टी के भविष्य के अभियान और प्रचार-प्रसार की कमान सौंप दी है। वैसे तो आकाश आनंद के पार्टी में बड़े पद मिलने को लेकर उम्मीद पहले से जताई जा रही थी। लेकिन, बिहार चुनाव की सुगबुगाहट के बीच इस बड़ी जिम्मेदारी को अलग नजरिए से देखा जा रहा है। इससे निश्चित तौर पर बसपा प्रमुख पार्टी की स्थिति में बदलाव की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है। दिल्ली में होने वाली बैठक में इसके अलावा बसपा के तीन राष्ट्रीय समन्वयकों, राज्यसभा सांसद रामजी गौतम, रणधीर बेनीवाल और राजाराम को निर्देश दिया गया कि वे अब आकाश आनंद को रिपोर्ट करेंगे। इन समन्वयकों में रामजी गौतम बिहार के प्रभारी भी हैं जहां विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। जिसके बाद माना जा रहा है कि आने वाले समय में आकाश आनंद बिहार में सक्रिय हो सकते हैं। अभी वहां कांग्रेस सांसद राहुल गांधी अपनी सक्रियता बढ़ाए हुए हैं। पिछले दिनों वे दलित वोट बैंक को साधने की कोशिश करते दिखे। यानी बसपा मुखिया मायावती अपने भतीजे आकाश आनंद को राहुल गांधी को काउंटर करने के लिए तैयार कर सकती हैं। क्योंकि आकाश आनंद को सामने लाकर बीएसपी दलित युवा वर्ग के बीच एक नए चेहरे को उतारने की कोशिश में हैं। बताया जा रहा है कि इस बैठक में आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर रणनीतिक चर्चा भी हुई, जिसमें आकाश आनंद की भूमिका को काफी अहम माना जा रहा है। गौरतलब है कि सुश्री मायावती का यह फैसला इसलिए भी खास माना जा रहा है,कि मार्च 2025 में बसपा प्रमुख मायावती ने अपने इन्हीं भतीजे आकाश आनंद को पार्टी से बाहर का रास्ता, सार्वजनिक रूप से यह कहते हुए कि उनका व्यवहार अनुशासनहीन बताते हुए दिखा दिया था। हालांकि तब मायावती ने स्पष्ट रूप से कहा था कि अब मेरे जीते-जी पार्टी का कोई उत्तराधिकारी नहीं होगा। लेकिन शायद हालात को मैनेज करते हुए 13 अप्रैल को डॉ. भीमराव अंबेडकर जयंती से एक दिन पहले आकाश आनंद ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर माफी मांगते हुए लिखा था कि मैं यह प्रण लेता हूं कि बहुजन समाज पार्टी के हित के लिए मैं अपने रिश्ते-नातों, विशेषकर अपने ससुराल वालों को पार्टी में किसी भी प्रकार से हस्तक्षेप नहीं करने दूंगा। और इसी माफीनामे के महज सात घंटे बाद मायावती ने उनकी माफी स्वीकार कर ली थी और पार्टी में फिर शामिल कर लिया था। राजनीतिक हलकों में आकाश आनंद की वापसी और उन्हें फिर से अहम जिम्मेदारी सौंपने के बाद चर्चा है कि मायावती अपने भतीजे को पार्टी में एक निर्णायक भूमिका में आगे बढ़ाना चाहती हैं। भले ही सार्वजनिक रूप से मायावती इस पर कुछ भी न कहें। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह फैसला बसपा को नई दिशा देने और युवा नेतृत्व को बढ़ावा देने की कोशिश का हिस्सा है, जिससे पार्टी की चुनावी रणनीति को और धार दी जा सके। आकाश आनंद के सामने चुनौती होगी कि वे पार्टी के पुराने कार्यकर्ताओं और नेतृत्व के साथ बेहतर तालमेल बिठाते हुए नए मतदाताओं को भी जोड़ सकें। साथ ही बीजेपी से रिश्तों की आंख मिचौली का समन्वय बिठाने के अलावा अखिलेश यादव, राहुल गांधी, तेजस्वी यादव और जयंत चौधरी जैसे विरासत के दम पर राजनीति करने वालों के अलावा दलित वोट बैंक पर तेजी से दावेदारी पेश करने वाले आजाद समाज पार्टी के चंद्रशेखर रावण की चुनौतियों से निपटने की कोशिश करते रहें। #bsp #mayawati #akashanand #oppositionnews #azadkhalid
(लेखक आज़ाद ख़ालिद वरिष्ठ पत्रकार हैं डीडी आंखों देखी, सहारा समय, इंडिया टीवी, इंडिया न्यूज़ सहित कई अन्य चैनल्स में जिम्मेदार पदों पर कार्य कर चुके हैं)

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आज़ाद ख़ालिद टीवी जर्नलिस्ट हैं, सहारा समय, इंडिया टीवी, वॉयस ऑफ इंडिया, इंडिया न्यूज़ सहित कई नेश्नल न्यूज़ चैनलों में महत्वपूर्ण पदों पर कार्य कर चुके हैं। Read more

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