
-आते ही शहर की नब्ज़ को रविंद्र मंदेड़ ने टटोला
-हाट सिटी के विकास के अलावा ट्रैफिक जाम पर भी एक्शन
-तेज़-तर्रार आईएएस संतोष यादव को शहर आज भी करता है याद
ग़ाज़ियाबाद (10 अगस्त 2025)- देश की आज़ादी के बाद भारत का फैडरल सिस्टम इस तरह बनाया गया है कि जनता की अपेक्षाओं और देश के विकास में न सिर्फ समन्वय बना रहे, बल्कि इस की निगरानी और बेहतर नतीजे सुनिश्चित किए जा सकें। भले ही सीधे तौर पर जनता का नेता उनके लिए स्क्रीन पर नज़र आने वाला पहला हीरो हो, लेकिन शानदार ब्यूरोक्रेसी की अहमियत भी किसी से छिपी नहीं है। हमारे इस कथन का ग़ाज़ियाबाद में ताज़ा उदाहरण देखना चाहते हैं तो नये बस स्टैंड जैसे भंयकर व्यस्त और ट्रैफिक प्रभावित क्षेत्र में बेहतर तरीके से संचालित ट्रैफिक के लिए वहां का गोल चक्कर और ट्रैफिक लाइट मुक्त व्यवस्था देखी जा सकती है। आपको यह भी याद होगा कि चंद साल पहले तक इसी जगह पर घंटों जाम की स्थिति बनी रहती थी। आप सीधे तौर पर अगर इसका श्रेय एक आईएएस अधिकारी संतोष यादव को देना चाहें तो यक़ीनन किसी को भी ऐतराज न होगा। संतोष यादव जी आज देश की सड़कों के जाल को फ़ैलाने वाली व्यवस्था के बेहद महत्वपूर्ण अंग बने हुए हैं लेकिन ग़ाज़ियाबाद के अपने अलग-अलग कार्यकालों में उनकी भूमिका सराहनीय रही है। बहरहाल अब हम आते हैं असल मुद्दे की ओर। हमारे पाठकों को ऐसा न लगने लगे कि हम तेज़-तर्रार आईएएस संतोष यादव के कसीदे पढ़ रहे हैं। दरअसल आज हम बात कर रहे हैं गाजियाबाद की जनता के लिए एक नई उम्मीद की। और यह उम्मीद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने जगाई है यहां के नये ज़िलाधिकारी रविंद्र मंदेड़ आईएएस के रूप में। मूल रूप से राजस्थान के पिंक सिटी जयपुर के रहने वाले रविन्द्र मंदेड़ एक नेक व धार्मिक प्रवृत्ति के अधिकारी हैं। हालांकि धार्मिक मान्यता और दुनियां के रचयिता में आस्था उनका अपना निजी मामला है, लेकिन एक अधिकारी के तौर पर उन्होंने जिस तरह से आते ही गाजियाबाद की जनता के लिए हापुड़ चुंगी पर एक फ्लाईओवर की जरूरत को महसूस करते हुए उसके निर्माण की दिशा में आवश्यक कदम तत्काल प्रभाव से उठा दिये, उससे यूपी सरकार की जनहित में मंशा साफ़ ज़ाहिर हो जाती है।
दरअसल दिल्ली एनसीआर का तेज़ी से विकसित होने वाला शहर ग़ाज़ियाबाद उत्तर प्रदेश के विकास की लाइफ लाइन बनता जा रहा है। दिल्ली से उतर प्रदेश में प्रवेश का गेटवे ऑफ यूपी के अलावा वर्तमान में सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ जी इसको अब नया गाजियाबाद का रूप देना चाहते हैं। हरनंदीपुरम योजना के लिए एक शानदार आईएएस अधिकारी अतुल वत्स पहले ही जीडीए वीसी के तौर पर कमान संभाल चुके हैं। और अब रविन्द्र मंदेड़ जिलाधिकारी के तौर पर योगी जी के मिशन को आगे बढ़ाने में शामिल हो चुके हैं। रविन्द्र मंदेड़ की पहल के बाद हापुड़ चुंगी चौराहे पर प्रस्तावित लगभग 800 मीटर लंबा फ्लाईओवर बनाने के लिए यूपी स्टेट ब्रिज कार्पोरेशन ने भी अपने कील कांटा दुरुस्त करने शुरू कर दिए हैं। राज्य सेतु निर्माण निगम की मानें तो इस पर लगभग 98 करोड़ की लागत आएगी। हम आपको याद दिला दें कि हापुड़ चुंगी चौराहा पुराने समय से ही गाजियाबाद का बेहद महत्वपूर्ण यातायात प्रभावित क्षेत्र रहा है। लेकिन वर्तमान में चाहे गाजियाबाद वासियों या फिर दिल्ली की ओर से आकर लखनऊ, बरेली, रामपुर मुरादाबाद या फिर हापुड़,मेरठ एक्सप्रेस वे,जाना हो या राजनगर एक्सटेंशन,मेरठ रोड से आने वाले वाहन हों या फिर डायमंड फ्लाईओवर से मेरठ एक्सप्रेस वे, या दिल्ली आदि के लिए भी इंग्राह्म स्कूल और हापुड़ चुंगी स्थित यह चौराहा बेहद महत्वपूर्ण है। ऐसे रविन्द्र मंदेड़ ने आते ही दिल्ली एनसीआर में ट्रैफिक प्वाइंट की मेन आर्टिलरी को पहचान कर यह जता दिया है कि उनका विजन बिल्कुल ऐसे ही बड़ा है जैसे कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का मिशन।

और हां आपको एक बात और बता दें, इस पूरी कार्ययोजना को राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण यानी एनएचएआई के चेयरमैन संतोष यादव भी यक़ीनन दिलचस्पी की नज़र से देख रहे होंगे।
(लेखक आज़ाद ख़ालिद टीवी पत्रकार हैं डीडी आंखों देखी सहारा समय इंडिया टीवी इंडिया न्यूज़ सहित कई राष्ट्रीय चैनलों में जिम्मेदार पदों पर कार्य कर चुके हैं।)