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गाजियाबाद( 26 मई 2025)दिल्ली-मेरठ नमो भारत कॉरिडोर का निर्माण कार्य अपने अंतिम चरण में है इसी कड़ी में एनसीआरटीसी ने मेरठ साउथ नमो भारत स्टेशन पर सौर ऊर्जा उत्पादन से ‘क्लीन और ग्रीन एनर्जी’ के उपयोग को बढ़ावा देते हुए सोलर रूफटॉप प्लांट लगाए हैं। जो कि एनसीआरटीसी के स्टेशनों, डिपो और सब-स्टेशनों को सौर ऊर्जा उत्पादन के केंद्रों में बदलने के व्यापक दृष्टिकोण के तहत है, यह सिस्टम के कार्बन फुटप्रिंट्स को काफी नियंत्रित करता है।
इसके बारे में जानकारी देते हुए एनसीआरटीसी के प्रवक्ता पुनीत वत्स ने बताया कि वर्तमान में नमो भारत कॉरिडोर के साहिबाबाद, गाजियाबाद, गुलधर, दुहाई नमो भारत स्टेशन और दुहाई डिपो स्टेशन और डिपो बिल्डिंग के अलावा गाजियाबाद और मुरादनगर आरएसएस पर सोलर पावर प्लांट पहले से फिक्स हैं। अब इसी कड़ी में मेरठ साउथ नमो भारत स्टेशन भी जोड़ दिया गया है। मेरठ साउथ स्टेशन की छत पर लगे संयंत्र की इंस्टॉल्ड कैपेसिटी 717 किलोवाट पीक (के डब्ल्यू पी ) है।
उन्होंने कहा कि मेरठ साउथ स्टेशन की छत पर 1304 सोलर पैनल इंस्टाल किए गए हैं। हर एक पैनल की कैपेसिटी 550 वाटपीक है, जो कि ऊर्जा संयंत्र अनुमानित तौर पर प्रति वर्ष करीब 8,15,000 यूनिट सौर ऊर्जा पैदा करेगा। मेरठ साउथ स्टेशन के सोलर प्लांट से अनुमानित तौर पर सालाना 750 टन कार्बन उत्सर्जन कम होने का अनुमान है।
एनसीआरटीसी ने दिल्ली-मेरठ नमो भारत कॉरिडोर पर सौर ऊर्जा के बुनियादी ढांचे को अपनाते हुए नवीकरणीय ऊर्जा उत्पन्न करने में महत्वपूर्ण प्रगति हासिल की है। इस प्रक्रिया में स्टेशनों, डिपो और रिसीविंग सब-स्टेशनों की छतों पर सौर पैनल स्थापित किए गए हैं। दिल्ली-मेरठ के बीच 82 किमी लंबे सम्पूर्ण नमो भारत कॉरिडोर पर इससे 11 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन करने का लक्ष्य है, जिससे सालाना 11,500 टन कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन कम होने की उम्मीद है।