
लखनऊ (7 सितंबर 2025)- बसपा संस्थापक स्वर्गीय कांशीराम की पुण्यतिथि मनाने के लिए बसपा मुखिया मायावती ने जोरदार तैयारी की है।
पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा मुखिया मायावती एक बार फिर अपने पुराने राजनीतिक तेवर में आ रही हैं। चाहे राज्यों में आने वाले विधानसभा चुनाव हों या फिर 2029 के लोकसभा चुनावों की बात बीएसपी प्रमुख मायावती पार्टी संगठन को मजबूत करने में जुट गई हैं। लखनऊ में बहुजन समाज पार्टी, बी.एस.पी प्रमुख मायावती ने उत्तर
प्रदेश में पार्टी संगठन की तैयारी को लेकर समीक्षा की। उन्होंने हर स्तर पर पार्टी कमेटी के गठन के अलावा सर्वसमाज में पार्टी के जनाधार को बढ़ाने तथा देश व जनहित के ज्वलन्त मुद्दों को
लेकर भी गहन समीक्षा बैठक व आगे के कार्यक्रम हेतु जरूरी दिशा-निर्देश जारी किए । बैठक में बी.एस.पी. के जन्मदाता एवं संस्थापक स्वर्गीय कांशीराम के आदर-सम्मान में
दिनांक 09 अक्तूबर को उनकी पुण्यतिथि पर लखनऊ में होने वाले राज्यव्यापी कार्यक्रम
को ऐतिहासिक रूप से सफल बनाने की अपील की। इसके अलावा यूपी सहित दूसरे राज्यों में भी विभिन्न धर्मों के पूजास्थलों एवं उनके संतों, गुरुओं व महापुरुषाें आदि का निरादर करके सामाजिक, साम्प्रदायिक व राजनीतिक हालात बिगाड़ने
के षडयंत्र पर गंभीर चिन्ता व्यक्त की गयी।
बसपा सुप्रीमो मायावती ने अंतरराष्ट्रीय मुद्दों और भारत की विदेश नीति को लेकर भी खुलकर विचार व्यक्त किए। उन्होंने अमेरिका द्वारा थोपे गये भारी भरकम ’ट्रम्प टैरिफ’ के आतंक से उभरी नई चुनौतियों से
निपटने के लिए ख़ासकर भारत व भाजपा को व्यापक जन व देशहित का ध्यान रखते
हुये अपनी नीतियों व कार्यक्रमों में ठोस व भारी सुधारवादी रवैया अपनाने की ज़रूरत पर जोर दिया ताकि भारत का मान-सम्मान बना रहे।बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय
अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश की चार बार रहीं मुख्यमंत्री व पर्वू सांसद (लोकसभा एवं राज्यसभा) बहन
मायावती ने उत्तर प्रदेश बी.एस.पी. की राज्य-स्तरीय बड़ी बैठक में पार्टी
संगठन के गठन व पार्टी के जनाधार को ज़मीनी स्तर पर बढ़ाने के लिए ज़िला से लेकर
बूथ अर्थात् हर स्तर की कमेटी के गठन को लेकर चलाये गये अभियान की गहन समीक्षा
की, जिस दौरान लगभग 80 प्रतिशत लक्ष्य प्राप्ति पर संतोष व्यक्त करते हुये आगे बाकी बचे
कार्यों के लिए नया निर्देश दिया जो यह कार्य बी.एस.पी. के जन्मदाता एवं संस्थापक बहुजन
नायक मान्यवर श्री कांशीराम जी के आदर-सम्मान में दिनाकं 09 अक्तूबर को उनकी
पुण्यतिथि पर होने वाले राज्यव्यापी कार्यक्रम के बाद शुरू किये जायेंगे।
बी.एस.पी. उत्तर प्रदेश राज्य स्तरीय कायार्ल य 12 माल एवेन्यू में आयोजित हुई इस
समीक्षा बैठक में पार्टी के हर स्तर के वरिष्ठ और ज़िम्मेदार पदाधिकारियों ने भाग लिया और
अलग-अलग से अपनी प्रगति रिपोर्ट भी दी, जिसका समापन पार्टी प्रमुख बहन कु. मायावती
जी के सम्बोधन से हुआ।
सुश्री मायावती जी ने बैठक में बताया कि इस बार मान्यवर श्री कांशीराम जी का
पुण्यतिथि कार्यक्रम बी.एस.पी. सरकार द्वारा उनके आदर-सम्मान में राजधानी लखनऊ के
वीआईपी राडे पर स्थित विशाल एवं भव्य ’मान्यवर श्री कांशीराम जी स्मारक स्थल’ में अपार
श्रद्धा-सुमन कार्यक्रम आयाेि जत होगा, जिसम ें व े (बहनजी) ख़ुद शामिल होकर, इस पुण्यतिथि
कार्यक्रम का नेतत्̀व करेंगी और आगे की राजनीतिक चुनौतियों से संघर्ष के लिये रूपरेखा पर भी चर्चा करेंगी।
उल्लेखनीय है कि अभी कुछ समय पहले यूपी स्टेट युनिट के अलावा आल-इण्डिया
लेवल पर भी पार्टी का एक प्रकार से पुनर्गठन करने के बाद राज्य स्तर पर होने वाला पार्टी
का यह पहला बड़ा कार्यक्रम है, जिसमें प्रदेश भर से कार्यकर्ता भाग लेंगे तथा उनके द्वारा
कार्यक्रम के एक दिन पहले ही लखनऊ आ जाने के परम्परा को ध्यान में रखते हुये उनके
लिए अलग से समुचित व्यवस्था भी की गयी है
वैसे यह सर्वविदित ही है कि यूपी तथा देश भर में बी.एस.पी व बहुजन मूवमेन्ट से
जुड़े लोग जब भी प्रदेश की राजधानी लखनऊ आते हैं तो वे उन भव्य, विशाल व प्रसिद्ध
स्थलों, स्मारकों, पार्कों आदि को देखने ज़रूर जात े हैं जो माननीया बहनजी की सरकार द्वारा
बहुजन समाज में समय-समय पर जन्मे महान संतों गुरुओं व महापुरुषों में भी ख़ासकर बौद्ध
महात्मा ज्योतिबा फुले, श्री नारायणा गुरु, राजर्षि छत्रपति शाहूजी महाराज, परमपज्ू य बाबा
साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर एवं मान्यवर श्री कांशीराम जी आदि के आदर-सम्मान में व
बहुजनों के आत्म-सम्मान व स्वाभिमान से सम्बंधित ’सामाजिक परिवर्तन व आर्थिक मुक्ति’
आन्दोलन से जुडे उनके स्मृतियों को सजोने के लिए निर्मित किये गये हैं और जिसे
तीर्थस्थल मानकर उनके प्रति लोगों की अपार श्रद्धा रखते हैं।
यहाँ यह भी उल्लेखनीय है कि मान्यवर श्री कांशीराम जी से सम्बन्धित यह कार्यक्रम,
’मान्यवर श्री कांशीराम जी स्मारक स्थल’ के लम्बे चले रख-रखाव (जीर्णाेद्धार) आदि के
कारण काफी समय के बाद बहजनी के नेतत्̀व में यहाँ आयाेि जत किया जा रहा है, वरना
इससे पहले लोगों को इस दौरान मजबूरी में स्थल के भीतर गुम्बद आकार मण्डप के बीच में
स्थापित उनकी भव्य प्रतिमा पर परम्परागत तौर पर अपना श्रद्धा-सुमन अर्पित करने की
बजाय बाहर उनके चित्र पर पुष्पाजंलि अर्पित करते थे।
इसके अलावा, उत्तर प्रदेश व देश के वर्तमान विकट राजनीतिक, सामाजिक व आर्थिक
हालात के सम्बंध में नई उभरती हुई चुनौतियों से पार्टी के लोगों को आगाह करते हुये सुश्री
मायावती ने कहा कि ख़ासकर विरोधी पार्टियोे द्वारा अन्दर-अन्दर आपस में मिलकर तथा
साम, दाम, दण्ड, भेद आदि हर प्रकार के हथकण्डे अपनाकर बी.एस.पी. पार्टी, मूवमेन्ट तथा
उसके आयरन लेडी नेतृत्व को कमजारे करने का षडयंत्र लगातार जारी है ताकि दलितों,
आदिवासियों, पिछड़ों, मुस्लिम व अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों पर आधारित बहुजन समाज के
लोगों को अत्यन्त कठिनाई से मिले उनके संवैधानिक व कानूनी अधिकारों से वंचित करके
उन्हें लाचार और मजबूर बनाये रखा जाये तथा हर कीमत पर उन्हें शासक वर्ग बनने से
रोका जाये तथा इस क्रम में उन्हें आगे बढ़ने का वैसा सुनहरा अवसर ना मिल पाये जैसा कि
बी.एस.पी. की यूपी में बहनजी की रही सरकारों में सर्वसमाज के लोगों को आम तौर से तथा
बहुजन समाज के लोगों को खास तौर से मिला था और प्रदेश के विकास के साथ-साथ
उन सबकी तरक्की हुई थी।
साथ ही, यूपी सहित दसू रे राज्यों में भी विभिन्न धर्मों के पूजास्थलों एवं उनके संतो
गुरुओं व महापुरुषों आदि का निरादर करके सामाजिक, साम्प्रदायिक व राजनीतिक हालात
बिगाड़ने के राजनीतिक षडयंत्र पर गंभीर चिन्ता व्यक्त करते हुये सुश्री मायावती जी ने कहा
कि सभी सरकारों को, संकीर्ण, जातिवादी, साम्प्रदायिक व द्वेषपूर्ण राजनीति त्याग कर, ऐसे
आपराधिक तत्वों के प्रति कड़ा कानूनी रवैया अपनाकर कानून का राज जरूर स्थापित करना
चाहिये, ताकि सभी लोग अमन-चैन से रोजी-रोटी कमा करके अपने परिवार का
पालन-पोषण तथा शिक्षा आदि सही से कर सकें।
अमेरिका द्वारा थोपे गये भारी भरकम 50 प्रतिशत ’ट्रम्प टैरिफ’ के आतंक से उभरी नई
चुनौतियों का उल्लेख करते हुये बहन कु. मायावती जी ने कहा कि इससे सही से निपटने
के लिए ख़ासकर भारत व सत्ताधारी पार्टी भाजपा को व्यापक जन व देशहित का ध्यान रखते
हुये अपनी नीतियों व कार्यक्रमां े में ठोस व भारी सुधारवादी रवैया अपनाने की ज़रूरत है,
वरना देश के विशाल बहुजनां े की गरीबी, महंगाई, बेरोजगारी, अशिक्षा, घराे से दूर पलायन
की विवशता आदि की समस्यायें और भी जटिल होकर देश के मान-सम्मान को भी दुनिया
में प्रभावित करेंगी, जिससे बचना बहुत ज़रूरी है।