Breaking News

जस्टिस लोया की मौत के मामले पर जवाब तलब-युवा दिवस पर सरकार को सुप्रीम कोर्ट में एक और झटका!

justice-loyaनई दिल्ली (12 जनवरी 2018)- युवा दिवस इस बार शायद मोदी सरकार के लिए यादगार कर रह जाएगा। पहले सुप्रीम कोर्ट के 4 मौजूदा जजों के हाथों उठाए गये गंभीर सवाल और इसके बाद न्यायाधीश लोया की मौत पर उठ रहे सवाल।
दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने सोहराबुद्दीन शेख मुठभेड़ मामले की सुनवाई कर रहे सीबीआई के विशेष न्यायाधीश बीएच लोया की कथित तौर पर सदिंग्ध हालात में हुई मौत को ‘गंभीर मुद्दा’’ माना है। इस मामले पर सुनवाई करते हुए शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने स्वतंत्र जांच की मांग कर रही याचिकाओं पर महाराष्ट्र सरकार से जवाब मांगा है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मामले में एक पक्षीय सुनवाई की बजाए द्विपक्षीय सुनवाई की जरूरत है। सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा और न्यायामूर्ति एम एम शांतानागौदर की बेंच ने महाराष्ट्र सरकार के वकील निशांत आर कटनेश्वरकर को 15 जनवरी तक जवाब दाखिल करने को कहा है। सुनवाई के शुरु में बांबे लायर्स एसोसिएशन का प्रतिनिधित्व कर रहे सीनियर वकील दुष्यंत दवे ने कहा था कि हाईकोर्ट इस मामले पर सुनवाई का रहा है, ऐसे में सुप्रीम कोर्ट को याचिकाओं पर सुनवाई नहीं करनी चाहिए। दवे ने ये भी कहा कि बॉंम्बे हाइकोर्ट को मामले की जानकारी है, और सुप्रीमकोर्ट को मामले की सुनवाई नहीं करनी चाहिए। इस मामले में याचिकाकर्ता और महाराष्ट्र के पत्रकार बीआर लोन की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता इंदिरा जयसिंह ने कहा कि उन्हें भी बांबे लायर्स एसोसिएशन से निर्देश हैं कि इस मामले को उच्चतम न्यायालय द्वारा नहीं सुना जाना चाहिए। पीठ ने कहा कि वह याचिकाओं पर गौर करने के साथ ही उठाई जा रही आपत्तियों पर भी विचार करेगी।
जस्टिस लोया की मौत के मामले पर याचिकाकर्ता कांग्रेस नेता तहसीन पूनावाला का पक्ष रख रहे वकील वरींदर कुमार शर्मा ने कहा कि ये ऐसा मामला है जिसमें एक दिसबंर 2014 को एक न्यायाधीश की रहस्यमयी परीस्थितियों में मौत हो गई थी, जिसकी जांच होनी चाहिए। बेंच ने कटनेश्वरकर को सरकार से निर्देश लेने के साथ ही पोस्टमार्टम रिपोर्ट और न्यायाधीश लोया की मौत से संबंधित दस्तावेजों को दाखिल करने को कहा है। मामले की अगली सुनवाई 15 जनवरी को तय की गई है। हम आपको याद दिला दें कि जस्टिस लोया की 1 दिसंबर, 2014 को कथिततौर पर दिल का दौरा पड़ने से नागपुर में मौत हो गई थी। उनकी मौत को लेकर सवाल उठे थे उनकी मौत एक साजिश के तहत हुई है।

About The Author

आज़ाद ख़ालिद टीवी जर्नलिस्ट हैं, सहारा समय, इंडिया टीवी, वॉयस ऑफ इंडिया, इंडिया न्यूज़ सहित कई नेश्नल न्यूज़ चैनलों में महत्वपूर्ण पदों पर कार्य कर चुके हैं। Read more

Related posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *