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gda exposed illegal colonies and builders,but not it’s own corrupt personal जीडीए ने जारी की अवैध कालोनियों और बिल्डरों की सूची-लेकिन अपने अफसरों की सूची कब

avedh-colony-list (4) (1)जीडीए में अवैध निर्माण रोकने के नाम पर अफसरों,ऐई,जेई और सुपरवाइजरों की भारी भरकम फौज
-क्यो आ रही है गाजियाबाद में अवैध निर्माण की बाढ़
-जीडीए वीसी अतुल वत्स जैसे होनहार अधिकारी की मौजूदगी में भी क्यों नहीं रुक पाईं अवैध कालोनियां
-जीडीए ने अवैध कालोनियों की लिस्ट जारी कर अपने अफसरों की नाकामी पर लगाई मुहर

Gda vc atul vats ias
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गाजियाबाद (13 जुलाई 2025)- सुनियोजित तरीके से गाजियाबाद के विकास और सिर्फ अवैध निर्माण को रूकवाने के नाम पर गाजियाबाद विकास प्राधिकरण में कितने एक्सईएन, कितने,ऐई, कितने जेई और सुपरवाइजर जनता के टैक्स और सरकारी खजाने से करोड़ों की तनख्वाह ले रहे, यह गाजियाबाद की जनता के लिए चौंकाने वाली खबर है। लेकिन इससे भी ज्यादा चौंकाने वाली बात यह है कि इतना सब कुछ होने के बावजूद मर्ज बढ़ता गया ज्यों ज्यों दवा यानी गाजियाबाद में अवैध निर्माण और अवैध कालोनियों की मानों बाढ़ आती रही। हालांकि मौजूदा समय में जीडीए की कमान संभालने वाले वीसी अतुल वत्स ने सिर्फ बेहद तेज तर्रार और समझदार अधिकारी बताए जाते हैं लेकिन उनकी मोजूदगी में भी जीडीए द्वारा अवैध कालोनियों की सूची जारी करना यह साबित करता है कि अवैध निर्माण को रोकना जीडीए वीसी अतुल वत्स के लिए चुनौती बड़ी है। हालांकि यह कोई पहली बार नहीं जबकि जीडीए द्वारा अवैध कालोनियों की सूची जारी की गई हो। दरअसल इसका मकसद यही है कि आम जनमानस को इन अवैध कालोनियों से आगाह कर दिया जाए ताकि कोई वहां अपनी गाढ़ी कमाई न फंसा दे।
लेकिन क्या इतनी बड़ी संख्या में अवैध कालोनियां रातों रात बन गई, क्या पूरे शहर को ज़ोन वाइज बांट कर हर क्षेत्र में इंचार्ज, ऐई, जेई, सुपरवाइजरों की तैनाती कारगर साबित नहीं हो सकी। यह सवाल तब और भी गंभीर हो जाता है जब कुछ ही दिनों पहले वीसी अतुल वत्स आईएएस की मौजूदगी में ही, जीडीए के एक कर्मचारी को अवैध निर्माण को संरक्षण देने के नाम मोटी रिश्वत वसूलते हुए न सिर्फ पकड़ा गया बल्कि वहां के सबसे निचले पायदान के कर्मचारी के खिलाफ एक्शन की बात कही गई। जबकि ऊपर की मछलियों का कहीं भी कोई जिक्र नहीं किया गया। शहरभर में चर्चा रही कि क्या एक सुपरवाइजर या जेई लेवल का कर्मचारी ही तमाम काले कारनामों के लिए जिम्मेदार है या कहीं कोई ऊपर से छतरी मुहैय्या कराई जा रही है।
और सबसे बड़ा सवाल यह है कि अगर जीडीए ग्रामीण क्षेत्रों और फ्री होल्ड क्षेत्रों में अवैध निर्माण और कालोनियों की सूची जारी कर सकता है तो शहर के पाश इलाकों कविनगर, राजनगर, नेहरू नगर और खुद अपने मुख्यालय के सामने सड़क के दूसरी ओर पटेल नगर आदि में बेतहाशा अवैध निर्माण की लिस्ट कब जारी करेगा। साथ ही जीडीए के मौजूदा वीसी अतुल वत्स जो कि अपनी तेज तर्रार कार्यशैली के लिए जाने जाते हैं, वह अपने ही विभाग के उन लापरवाह, करप्ट अफसरों और कर्मचारियों की सूची कब जारी करेंगे जिनके होते हुए इतनी बड़ी संख्या में अवैध कालोनियां रातों रात बनती गई।
दरअसल शहर वासियों को उम्मीद है कि प्रदेश में माननीय योगी आदित्यनाथ जी जैसे ईमानदार और जनहित में सोचने वाले मुख्यमंत्री की सरकार में भी अगर कोई सरकारी कर्मचारी या अफसर लापरवाही या करप्शन करता है तो अचंभे की बात है।

About The Author

आज़ाद ख़ालिद टीवी जर्नलिस्ट हैं, सहारा समय, इंडिया टीवी, वॉयस ऑफ इंडिया, इंडिया न्यूज़ सहित कई नेश्नल न्यूज़ चैनलों में महत्वपूर्ण पदों पर कार्य कर चुके हैं। Read more

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