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नोएडा (28 सितंबर 2024)- कभी जिनके नाम की तूती बजती हो, और जिनके पोस्टर देखकर अपने दुखों के निवारण के अपना नेता तलाशती हो उन्हीं के नाम करोड़ों की धोखाधड़ी में आकर एफआईआर तक दर्ज हो जाए तो यकीनन जनता का विश्वास जनप्रतिनिधियों से उठने लगता है। ऐसा ही कुछ मामला जुड़ गया है, कभी गढ़मुक्तेश्वर से बीजेपी के कद्दावर विधायक रहे राम नरेश रावत, उनके भाई और गाजियाबाद से दमदार चुनाव लड़ चुके सुधन रावत और उनके परिवार कई दूसरे रसूखदार चेहरे, जिनके ऊपर करोड़ों की धोखाधड़ी के आरोप में एफआईआर दर्ज हुई है।
नोएडा में विला दिलाने के नाम पर तीन करोड रुपए की ठगी करने का एक मामला सेक्टर 24 के थाने में दर्ज कराया गया है । मामला एक अधिवक्ता ने दर्ज कराया है जिसमें उन्होंने गढ़ के पूर्व भाजपा विधायक रामनरेश रावत, उनके भाई व सुधन रावत समेत परिवार के आठ लोगों को नामजद कराया है । पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर मामले की जांच पड़ताल शुरू करती है।
नोएडा के सेक्टर-35 निवासी अधिवक्ता मोहन पाल रावत ने रिपोर्ट दर्ज कराई है कि मांगे राम एंड संस के मामले में वर्ष 2015 में उनकी मुलाकात रियल एस्टेट कारोबारी की कंपनी के कर्मचारी अमित से हुई थी। अमित ने रियल एस्टेट में निवेश के नाम पर एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया था। इसके बाद मोहन पाल की अमित और अन्य आरोपियों से गाजियाबाद में 1000 वर्गमीटर का विला खरीदने को लेकर बातचीत हुई थी। इसके लिए आरोपियों ने तीन करोड़ रुपये लिए। आरोप लगाया गया है कि रुपये लेने के बाद भी आरोपियों ने जमीन की रजिस्ट्री नहीं की।
मोहनपाल रावत का कहना है कि इस बीच पता चला कि जिस जमीन के लिए बातचीत हुई थी, वह नगर निगम की है। मोहनपाल ने डायरेक्टर पर पैसे लौटाने का दबाव बनाया तो उसने चेक दिया जो बाउंस हो गया। अधिवक्ता ने
थाना सेक्टर-24 पुलिस ने रामनरेश रावत, सुधन रावत, विभा रावत, अंशुमान, देवेंद्र, हर्ष, पुष्पेंद्र, रेणुका, अमित और एमआर संस कंपनी के निदेशक के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है। हम आपको बता दें कि जिन लोगों पर आरोप लगे हैं वह परिवार गाजियाबाद का एक सम्मानित व राजनीतिक परिवार है। इस मामले पर फिलहाल आरोपी पक्ष का वर्जन प्राप्त नहीं हो सका है।
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भाजपा की सच्चाई अब धीरे धीरे सामने a rahi है।