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achievement of NCRTC दिल्ली-मेरठ नमो भारत कॉरिडोर, एनसीआरटीसी की अहम उपलब्धि

achievement of NCRTC नई दिल्ली, (16 मई 2025 ) दिल्ली-मेरठ नमो भारत कॉरिडोर पर जारी निर्माण में एनसीआरटीसी की एक महत्वपूर्ण उपलब्धि।

जिसमें सराय काले खां स्टेशन को जंगपुरा स्टेबलिंग यार्ड से कनेक्ट करने एनसीआरटीसी ने (NCRTC) ने बारापुला फ्लाईओवर पर 200 टन वजनी चार गर्डर्स वाले एक स्टील स्पैन को सफलतापूर्वक स्थापित किया है। यह स्पैन सराय काले खां स्टेशन को जंगपुरा स्टेबलिंग यार्ड से जोड़ने वाले वायडक्ट का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

इस मुश्किल कार्य को NCRTC की टीम ने प्रशासन, लोक निर्माण विभाग और ट्रैफिक पुलिस के साथ उत्कृष्ट समन्वय और सावधानीपूर्वक योजना के साथ पूरा किया। इसकी स्थापना नमो भारत कॉरिडोर के निर्माण में एक महत्वपूर्ण कदम है, खासकर ऐसे जटिल क्षेत्रों में जहां मौजूदा संरचनाओं को पार करना होता है।

इस प्रक्रिया की जानकारी देते हुए NCRTC के प्रवक्ता पुनीत वत्स ने बताया कि नमो भारत कॉरिडोर पर चलने वाली ट्रेनों को खड़ा करने के लिए सराय काले खां स्टेशन के पास जंगपुरा में एक स्टेबलिंग यार्ड बनाया जा रहा है। सराय काले खां स्टेशन से इस यार्ड तक ट्रेनों की आवाजाही के लिए वायडक्ट का निर्माण किया जा रहा है। आमतौर पर, एलिवेटेड सेक्शन में वायडक्ट के लिए पिलर औसतन 34 मीटर की दूरी पर बनाए जाते हैं। हालांकि, नदियों, पुलों, रेल क्रॉसिंग, मेट्रो कॉरिडोर और एक्सप्रेस-वे जैसे जटिल क्षेत्रों में यह दूरी बनाए रखना संभव नहीं होता। ऐसे स्थानों पर, पिलरों के बीच की दूरी को आवश्यकतानुसार बढ़ाया जाता है और वायडक्ट निर्माण के लिए स्पेशल स्पैन का उपयोग किया जाता है। बारापुला फ्लाईओवर पर स्थापित किया गया यह 200 टन का स्टील स्पैन इसी आवश्यकता का एक उदाहरण है।

यह सफल स्थापना दिल्ली-मेरठ नमो भारत कॉरिडोर परियोजना को आगे बढ़ाने में NCRTC की इंजीनियरिंग क्षमता और प्रभावी समन्वय का प्रमाण है।

उन्होंने बताया कि इस लोकेशन पर भूतल पर एक नाला बह रहा है, जिसके समानांतर बारापुला फ्लाईओवर है। यहाँ नमो भारत कॉरिडोर नाले और बारापुला फ्लाईओवर दोनों को एक ही जगह पर पार कर रहा है। इसी को पार करने के लिए 4 गर्डर वाला स्टील स्पैन बनाया गया।

40 मीटर लंबे प्रत्येक स्टील गर्डर्स का वजन 50 टन है। जिन्हें 2 स्टेज लिफ्टिंग प्रक्रिया के जरिए उच्च क्षमता वाली 3 क्रेन्स की मदद से स्थापित किया गया। यह एक बेहद चुनौतीपूर्ण कार्य था, जिसे टीम ने रात के समय निरंतर प्रयास से पूरा किया।

नीचे गहरा नाला और उसके ऊपर बारापुला फ्लाईओवर होने की वजह से यहां पर स्टील स्पैन्स को क्रेन से उठाकर सीधा निर्धारित पिलर्स पर रखना एक जटिल कार्य था, इसलिए यहां बारापुला फ्लाईओवर की एक साइड में दो क्रेनों की मदद से स्टील गर्डर्स को एक-एक करके जमीन से उठाकर पहले बारापुला फ्लाईओवर पर बनी सड़क पर रखा गया। इसके बाद फ्लाईओवर के दोनों ओर खड़ी क्रेनों की मदद से गर्डरों का एक-एक सिरा दोनों तरफ से उठाकर निर्धारित पिलर्स पर एक-एक करके फिक्स कर दिया गया। #ncrtc #rapidrail

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