

उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले में कोरोनावायरस जैसी महामारी के समय में अपने काम को अंजाम दे रहे एक सफाईकर्मी की शुक्रवार दोपहर संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। वह लक्ष्मीपुरवा मोहल्ले में सैनिटाइजेशन के काम में जुटा था। इसी दौरान वह बेहोश होकर गिर गया। साथियों ने उसे अस्पताल पहुंचाया, जहां उसकी मौत हो गई। मौत की खबर सुनते ही जिले के सफाई कर्मचारी जिला अस्पताल में इकट्ठा हो गए और उन्होंने जमकर हंगामा काटा। सफाई कर्मचारियों ने आरोप लगाया है कि नगरपालिका प्रशासन ने मास्क, सैनिटाइजर जैसी तमाम जरूरी चीजें हमें नहीं दी है।
यह घटनाक्रम कोतवाली शहर के लक्ष्मी पुरवा मोहल्ले का है। राजेश नाम का सफाई कर्मचारी मोहल्ले में सैनिटाइजेशन का काम कर रहा था। इसी बीच अचानक उसकी तबीयत बिगड़ गई और वहीं वह गिरकर तड़पने लगा। आरोप है कि सफाई कर्मी के साथ आया सफाई नायक उसकी हालत बिगड़ने पर उसको छोड़ कर भाग गया। जिसके बाद इलाके के लोगों ने उसको जिला अस्पताल में भर्ती कराया। जहां पर सफाई कर्मी राजेश की मौत हो गई।
सफाई कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि, आज सैनिटाइजेशन करने के लिए जा रहे कर्मी को टूटी टंकी दी गयी। जब उसने इस टंकी को ले जाने के लिए अपना विरोध दर्ज कराया तो अधिकारियों ने उस पर दबाव बनाते हुए उसको गैरहाजिर कर देने की बात कही। जिसके बाद वो टूटी टंकी से ही छिड़काव कर रहा था और उस दवा की महक उसके दिमाग में चली गई। जिसकी वजह से उसकी मौत हो गई।
सफाईकर्मियों ने मृतक राजेश के परिवार वालों को 50 लाख का मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दिए जाने की मांग उठाई है। वहीं नगर मजिस्ट्रेट जेबी यादव का कहना है कि, पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद मामले की जांच कराकर जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।