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नई दिल्ली (15 नवंबर 2019)- बच्चों के साथ बढ़ते यौन अपराध, सैक्सुअल हैरासमेंट, पोर्नोग्राफी और बच्चों के शोषण की रोकथाम के लिए सीबीआई तैयार हो गई है। बच्चों को ऑनलाइन या दूसरे माध्यमों से इस तरह के अपराध का शिकार बनाने वाले तत्वों को क़ाबू करने के लिए सीबाआई ने एक स्पेशल यूनिट का गठन किया है।
दरअसल इंटरनेट और ऑनलाइन माध्यमों से बच्चों के साथ बढ़ रहे अपराध देशों की सीमाओं को लांघते हुए जिस तेजी़ से बढ़ रहे हैं। वह एक चिंतनीय समस्या बनती जा रही है। ऐसे में सीबीआई ने आईपीसी यानि इंडियन पीनल कोड और आईटी एक्ट के प्रावधानों के तहत इस तरह के अपराध और अपराधियों पर नकेल कसने की तैयारी कर ली है। सीबीआई द्वारा जारी एर प्रेस रिलीज़ के मुताबिक इस यूनिट का कार्यक्षेत्र समस्त भारत होगा। साथ ही बच्चों के साथ होने वाले यौन उत्पीड़न, पोर्नोग्राफी या किसी भी तरह का सैक्सुअल हरासमेंट को क़ाबू करने के लिए इंटरपोल आदि के आंकड़ो और सूचनाओं की भी मदद ली जाएगी।
सीबीआई के मुताबिक इन अपराधों में लिप्त लोगों को बच्चों के लिए बनाई गई यूनिट ऑनलाइन चाइल्ड सैक्सुअल एब्यूज़ एंड एक्सप्लॉयटेशन(ओ.सी.ए.ई) प्रिवेंशन व इंवेस्टिगेशन यूनिट बच्चों से जुड़े ऑनलाइन यौन अपराधों, ऐसे अपराधों को बढ़ावा देने, उनके प्रचार प्रसार,अनके प्रकाशन,ब्रॉउज़िंग करने,आदान प्रदान करना या ऐसे अपराधों में शामिल होने वालों की सूचना इकठ्ठा करेगी। और इन लोगों के ख़िलाफ भारतीय दंड संहिता यानि आईपीसी-1860, दि प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन फ्रॉम सैक्सुअल ऑफेंस यानि पॉक्सो एक्ट 2012, और इंफॉर्मेशन टैक्नॉवॉजी एक्ट 2000 और अन्य क़ानूनी प्रावधानों के तहत कार्रवाई करेगी।
दरअसल इंटरनेट और ऑनलाइन बच्चों को निशाना बनाने वालों का जाल जिस तरह से देशों की सीमाओं को लांघ तेज़ी से बढ़ रहा उसका सबसे आसान शिकार असहाय और मासूम बच्चे ही होते हैं। ऐसे में अंतर्राष्ट्रीय जांच ऐजिसियों की मदद से सीबीआई इस तरह के अपराधों पर नकेल कसने का काम करेगी।