–बीएसपी प्रमुख मायावती का बड़ा संदेश
–पार्टी और अनुशासन से नहीं समझौता
–सुधरने वालों को मिल सकता है मौका

लखनऊ (2 जून 2025)- बीएसपी में अपने भतीजे आकाश आनंद को लेकर की गई कार्रवाई और बाद में बहाल किए जाने पर राजनीति करने वालों को बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती ने मुंहतोड़ जवाब दिया है। साथ ही मायावती ने कांग्रेस और दूसरी पार्टियों पर निशाना साधा है।
दरअसल बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती आने वाले चुनावी दौर में न सिर्फ पार्टी की मजबूती को लेकर रणनीति बनाने में जुटी हैं बल्कि पार्टी की सेकंडलाइन आकाश आनंद को लेकर भी दूरगामी रणनीति बना रही हैं। इसी कड़ी में अपने भतीजे आकाश आनंद को कथित तौर पर अनुशासनहीनता के आरोप में बहन मायावती ने न सिर्फ बाहर का रास्ता दिखाया था बल्कि यह सख्त संदेश भी दे दिया कि पार्टी और अनुशासन के मामले में किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा। लेकिन कुछ ही दिनों पहले दिल्ली में आयोजित एक हाईलेवल मीटिंग में आकाश आनंद को दोबारा बहाल कर दिया गया ताकि संदेश जा सके कि गलती मानने पर पार्टी के दर खुले हुए हैं। लेकिन बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती के इन तमाम फैसलों पर न सिर्फ विरोधी सियासत करने लगे बल्कि कुछ कथित अंदरूनी गद्दार भी सवाल उठाने लगे। यहां तक कि कुछ मनुवादी मीडिया के लोग भी आकाश आनंद को लेकर बहन मायावती पर परिवारवाद का आरोप लगाते दिखे। लेकिन देश की राजनीति पर पैनी नजर रखने वाली बीएसपी प्रमुख मायावती ने एक बयान जारी करके सभी लोगों को जवाब दे डाला है। लखनऊ से जारी इस बयान को हम ज्यूं के त्यूं आप तक पहुंचा रहे हैं।
बयान में कहा गया है कि, “देश में बीएसपी बहुजन हित की एकमात्र अम्बेडकरवादी पार्टी है तथा पार्टी हित में लोगों पर कार्रवाई करने व पश्चताप करने पर उन्हें वापस लेने की परम्परा है। इसी क्रम में श्री आकाश आनन्द के उतार-चढ़ाव व उन्हें मुख्य नेशनल कोआर्डिनेटर बनाने से बहुत से लोगों में बेचैनी स्वाभाविक। पार्टी को उम्मीद है कि अब श्री आकाश आनन्द बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर एवं मान्यवर श्री कांशीराम जी के आत्म-सम्मान के कारवाँ को आगे बढ़ाने व उनके सपनों को साकार करने की जिम्मेदारी पूरी तनम्यता व जी-जान से निभाएंगे अर्थात पार्टी को अवसरवादी व स्वार्थी लोगों की कतई जरूरत नहीं। वैसे भी कांग्रेस, भाजपा व सपा आदि पार्टियों के सहारे व इशारे पर चलकर बहुजनों की एकता व बीएसपी को कमजोर करने वाले बरसाती मेंढकों की तरह के संगठन व दलों के नेता चाहे निजी स्वार्थ में विधायक, सांसद व मंत्री क्यों ना बन जाएं इनसे समाज का कुछ भला होने वाला नहीं। लोग सावधान रहें”।
यानी आने वाले वक्त में बीएसपी अपनी मुखिया मायावती की कमान में नये कलेवर और जोश के साथ मैदान में है साथ ही अपने युवा सार्थी आकाश आनंद को विरोधियों के लिए चुनौती के रूप में पेश करने वाली है। कुल मिलाकर बीएसपी मुखिया मायावती बहुजन समाज पार्टी के अनुशासन को लेकर पहले भी गंभीर थीं और आज भी, लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि पार्टी के अंदर ही पनप रहे उन लोगों का क्या होगा जो वफादार किसी और के लिए हैं।
(आज़ाद ख़ालिद टीवी पत्रकार हैं डीडी आंखों देखी, सहारा समय, इंडिया टीवी, इंडिया न्यूज़ सहित कई राष्ट्रीय चैनलों में जिम्मेदार पदों पर कार्य कर चुके हैं।)