
-भाजपा में वजूद को तलाशते मुस्लिम नेताओं को मिला काम
-वक्फ बिल के फायदों के बजाय कांग्रेस,सपा और मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की गिनाई खामियां
-मुस्लिम समाज को बहकाकर कांग्रेस, सपा और बसपा ने की वोट, नोट और खोट की राजनीति: शाजिया इल्मी
गाजियाबाद। वक्फ बिल को लेकर बीजेपी अब मुस्लिम समाज को मनाने और समझाने के लिए रणनीति बना रही है। इसके लिए बीजेपी के उन मुस्लिम नेताओं को काम मिलने की उम्मीद जताई जा रही है जो भाजपा में होते हुए भी कथित तौर पर पार्किंग में लगा दिए गये थे। बहरहाल गाजियाबाद में बीजेपी ने वक्फ बिल को मुस्लिम समाज की नाराज़गी दूर करने की कोशिश शुरू कर दी है। और भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय प्रवक्ता शाजिया इल्मी ने सोमवार को यहां कहा कि मुस्लिम समाज को बहकाकर कांग्रेस, सपा और बसपा ने वोट, नोट और खोट की राजनीति की है।

शाजिया इल्मी सोमवार की शाम को भारतीय जनता पार्टी, महानगर गाजियाबाद के तत्वावधान में “वफ्फ़ सुधार जनजागरण अभियान” के अंतर्गत आयोजित अल्पसंख्यक प्रबुद्ध संवाद संगोष्ठी को सम्बोधित कर रही थी। कार्यक्रम की अध्यक्षता भाजपा के महानगर अध्यक्ष मयंक गोयल ने की।

शाजिया इल्मी ने वक्फ़ सुधार जनजागरण संगोष्ठी में बोलते हुए कहा कि वक्फ़ संपत्तियों का दुरुपयोग और उन पर भ्रष्टाचार एक गहरा षड्यंत्र रहा है, जिसमें दशकों से कांग्रेस, सपा और बसपा जैसी पार्टियाँ शामिल रही हैं। उन्होंने कहा कि इन दलों ने मुस्लिम समाज को केवल वोट बैंक समझा, उन्हें विकास और अधिकारों से दूर रखकर वक्फ़ संपत्तियों को लूट का अड्डा बना दिया। वोट, नोट और खोट की इस तिकड़ी ने वक्फ़ बोर्ड को अपने खास लोगों के हवाले कर दिया, जिससे पारदर्शिता और जवाबदेही समाप्त हो गई।

इल्मी ने कहा कि देशभर में वक्फ़ संपत्तियों की भारी संख्या है, लेकिन उनका उचित उपयोग नहीं हो पा रहा। कहीं न कहीं इन संपत्तियों का गलत हाथों में जाना और पारदर्शिता की कमी, अल्पसंख्यक समाज को ही नुकसान पहुंचा रही है। भाजपा सरकार इन मुद्दों को नजरअंदाज नहीं करेगी। हमारा लक्ष्य है कि वक्फ़ संपत्तियाँ उनके असली हक़दारों तक पहुंचें और उनका उपयोग शिक्षा, स्वास्थ्य व सामाजिक कल्याण में हो।”
उन्होंने कहा कि भाजपा इस राजनीतिक धोखे को उजागर करने का काम कर रही है। हम चाहते हैं कि वक्फ़ संपत्तियाँ मुस्लिम समाज के वास्तविक कल्याण – जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार – में लगें, न कि राजनीतिक हितों की पूर्ति में। मुस्लिम युवाओं को चाहिए कि वे इस सच्चाई को समझें और इस अभियान से जुड़कर बदलाव लाने में योगदान दें।
अल्पसंख्यक मोर्चा, प्रदेश अध्यक्ष कुंवर वाहिद ने कहा कि
“वक्फ़ संपत्तियों पर सबसे ज़्यादा कब्ज़ा और भ्रष्टाचार उन्हीं दलों के समय में हुआ जिन्होंने अल्पसंख्यकों के नाम पर केवल वोटबैंक की राजनीति की। कांग्रेस, सपा और बसपा ने वक्फ़ बोर्ड को अपने नेताओं और चहेतों का अड्डा बना दिया।
महानगर अध्यक्ष मयंक गोयल ने कहा कि
“यह संगोष्ठी भाजपा की पारदर्शी कार्यप्रणाली और समाज के प्रति उत्तरदायित्व को दर्शाती है। हम चाहते हैं कि वफ्फ़ बोर्ड भ्रष्टाचारमुक्त हो और उसकी संपत्तियाँ उन लोगों के कल्याण में लगें जिनके लिए वे आरक्षित हैं। यह अभियान गाजियाबाद से एक सकारात्मक संदेश देगा।”
कार्यक्रम को
पूर्व महापौर आशु वर्मा,महापौर आशा शर्मा, बलदेव राज शर्मा, पूर्व विधायक कृष्ण वीर सिरोही, पूर्व , सरदार एस.पी. सिंह,कार्यक्रम के सहसंयोजक डॉ. नदीम अहमद कुरैशी,डॉ. अशोक नागर, जावेद खान, जावेद खान सैफ,बलप्रीत सिंह ने भी अपने विचार रखे।