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Up elections 2027 dhabarsi village dumping ground issue उत्तर प्रदेश चुनाव 2027 ढबारसी डंपिंग ग्राउंड धौलाना विधानसभा

ढबारसी गांव डंपिंग ग्राउंड मामला
-धौलाना विधानसभा के मतदाताओं को एक बार फिर छलने की कोशिश
-कुर्ते पर कलफ सजाकर कथित हमदर्द कूदे मैदान में

Dhabarsi dumping ground
Dhabarsi village dumping ground issue vs nagar nigam ghaziabad

ग़ाज़ियाबाद (18 अगस्त 2025) – भले ही उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में अभी समय हो और भले ही गाजियाबाद की लगभग हर विधानसभा में चुनावी राजनीति में गर्मजोशी नज़र न आ रही हो लेकिन यहां का एक विधानसभा क्षेत्र ऐसा भी है जहां का हर नेता हर रोज़ अपने कुर्ते को कलफ लगवा कर दरबार सजाकर बैठ जाता है और अपनी जनता के दर्द की सुनवाई के नाम पर जमकर बगलें बजा रहा है। इनमें कुछ तो ऐसे भी हैं जो अति उत्साह में सलाखों के पीछे तक जा पहुंचे हैं और कुछ के खिलाफ एफआईआर तक हो गई हैं। इतना ही नहीं कुछ नेता तो मुद्दे ढूंढ कर अपनी बहादुरी का ढोल पीटते फिर रहे हैं। लेकिन सबसे खास सवाल यह है कि यहां का असली पीड़ित या टारगेट कौन है। जी हां धौलाना विधानसभा क्षेत्र का सबसे बड़ा टारगेट है मुस्लिम मतदाता। दरअसल धौलाना विधानसभा क्षेत्र के मुस्लिम मतदाता की भले ही समस्या कुछ भी हो लेकिन लगता यही है कि 2027 के विधानसभा चुनाव के लिए मतदान वाले दिन तक मुस्लिम हमदर्दी के नाम इतना ढोल पीटा जाएगा कि मुस्लिम समाज खुद भी शायद तय न कर सके कि उसकी परेशानी आसल में है क्या?

Dhabarsi dumping ground
Dhabarsi village dumping ground issue

पिछले दिनों मसूरी क्षेत्र के नाहल गांव में एक पुलिसकर्मी की संदिग्ध मौत के मामले में कथित पुलिस उत्पीड़न के बाद वैसे इन दिनों इस क्षेत्र के गांव ढबारसी में नगर निगम द्वारा डंपिंग ग्राउंड के नाम पर पूरे शहर के लोगों की टट्टी और गंदगी का ढेर लगाने का मुद्दा गर्माया हुआ है। वैसे यह कथित समस्या अकेले नगर निगम गाजियाबाद का ही तोहफा नहीं है, बल्कि इसमें इसी ढबारसी गांव के एक सम्मानित चौधरी साहब के योगदान को भी लोग हमेशा याद रखेंगे। असल में नगर निगम गाजियाबाद ने काफी साल पहले गालंद गांव के आसपास मोटा सरकारी खर्चा करके डंपिंग ग्राउंड के नाम पर ज़मीन खरीदी थी। लेकिन चर्चा है कि वहां के लोग न सिर्फ खुद्दार और सफाई पसंद हैं बल्कि शर्मदार और जागरूक भी। तो उन लोगों ने नगर निगम गाजियाबाद और उत्तर प्रदेश की लाख घोषणाओं के बावजूद पूरे शहर की गंदगी के ढेर को अपने क्षेत्र में डालने का विरोध किया। लेकिन इसी बीच ढबारसी क्षेत्र के एक बडे़ ज़मींदारऔर सम्मानित चौधरी साहब ने कुछ रुपयों के एवज़ पूरे शहर के लोगों की टट्टी को अपने यहां सजाने का सौदा कर लिया है। जिस कूड़े के पहाड़ के नाम पर देश में राजनीति होती रही, चाहे दिल्ली का गाजीपुर हो या फिर भलस्वा, उसी गंदगी के पहाड़ को गाजियाबाद के सम्मानित चौधरी साहब अपने क्षेत्र में इंपोर्ट कर लाए। वैसे इन दिनों हमारे कुछ चौधरी साहेबान करोड़ों की शादी में महंगी कारें और तलाक़ तक करोड़ों में करने को ही शान समझने लगे हैं। इसके लिए पैसा कमाने के लिए चाहे किसी भी हद तक क्यों न जाना पडे़।
बहरहाल मामला चाहे नाहल गांव का हो ढबारसी में टट्टियों की बदबू के ढेर का क्षेत्र के नेताओं को विधानसभा चुनावों तक मुद्दे हाथ लग चुके हैं, भले ही इनसे जनता को राहत मिले या न मिले लेकिन चुनाव के लिए जनता को खासतौर पर मुस्लिम समाज को अपने सियासी जाल में फंसाने के लिए नेता जरूर सक्रिय हो चुके हैं।
(लेखक आज़ाद ख़ालिद टीवी पत्रकार हैं, डीडी आंखों देखी, सहारा समय, इंडिया टीवी, इंडिया न्यूज़ सहित कई राष्ट्रीय समाचार चैनलों में जिम्मेदार पदों पर कार्य कर चुके हैं।)

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आज़ाद ख़ालिद टीवी जर्नलिस्ट हैं, सहारा समय, इंडिया टीवी, वॉयस ऑफ इंडिया, इंडिया न्यूज़ सहित कई नेश्नल न्यूज़ चैनलों में महत्वपूर्ण पदों पर कार्य कर चुके हैं। Read more

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