इलाहबाद(12 सितंबर 2015)- इलाहाबाद उच्च न्यायलय ने अखिलेश सरकार को बड़ा झटका दिया है। हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश के प्राइमरी स्कूलों में तैनात 1.70 लाख शिक्षामित्रों की नियुक्तियां रद्द कर दी हैं। इलाहाबाद हाईकोर्ट में शनिवार को चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने यह आदेश दिया।
इस नियुक्ति का आदेश बीएसए ने साल 2014 में जारी किया था जिसे कोर्ट ने शनिवार को रद्द कर दिया है। शिक्षामित्रों की भर्ती हाईकोर्ट ने अवैध माना। कोर्ट ने कहा कि शिक्षामित्र टीईटी पास नहीं हैं इसलिए इनको सहायक अध्यापक के तौर पर नियुक्ति नहीं मिल सकती।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने निर्धारित योग्यता न होने और बिना संस्तुति वाले पदों के आधार पर ये नियुक्तिया रद्द कर दी है। हाईकोर्ट ने ये भी कहा कि सरकार को समायोजन का अधिकार नहीं है। राज्य सरकार ने करीब 1.70 लाख शिक्षामित्रों के समायोजन का आदेश दिया था, जिसे हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया है।
काबिले गौर है कि उप्र सरकार अब तक 1 लाख 70 हजार से ज्यादा शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक बना चुकी है, इन सभी की नियुक्तियां शनिवार को रद्द कर दी गई। हाईकोर्ट के मुताबिक नियमों में किया गया संशोधन असंवैधानिक है।