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समाज की सेहत के लिए फैमिली फीज़ीशियन बेहद ज़रूरी:आई.एम.ए

ICON 2015 - the International Conference of IMA CGP on Family Practice inaugurated today at Country Inn Hotel, Delhi-NCR
गाजियाबाद(25जुलाई2015)- इंडियन मैडिकल ऐसोसिएशन समाज की सेहत और आम जनमानस के हित में नित नये क़दम उठाता रहता है। इसी कड़ी में आईएमए ने एक कार्यक्रम का आयोजन किया है। आईएमए का दावा है कि आईकन 2015 में 500 से ज़्यादा फैमिली फीज़ीषियन षामिल होंगे। ईएमए द्वारा जारी एक बयान के मुताबिक यह कार्यक्रम यानि आईकन 2015 आईएमए-सीजीपी की फैमिली मेडिसन की अंतर्राष्ट्रीय कान्फ्रेंस है, जिसका आयोजन 25 और 26 जुलाई को साहिबाबाद गाजि़याबाद के कंट्री इन में होटल में किया जाएगा।।
इस क्रायक्रम आईकन 2015 का शुभारंभ करते हुए इंडियन मेडिकल एसोसिएषन के राष्ट्रीय अध्यक्ष पदम्श्री डॉ. ए. मारतंड पिल्लई और पद्मश्री डॉ. के.के अग्रवाल ने कहा कि फैमिली फीज़ीशियन समाज की रीढ़ की हड्डी हैं। आईएमए के प्रेस प्रभारी संजीव खन्ना द्वारा जारी प्रेस रिलीज के मुताबित आईएमए का मानना है कि सरकार ने हाल ही में जो मेडिकल पोस्ट-ग्रेजुएट सीटों की संख्या बढ़ाने और उन्हें एमबीबीएस सीटों के बराबर मान्यता देने का प्रस्ताव रखा है, यह आगे चल कर समाज को नुकसान ही पहुंचाएगा। हमें विषेशज्ञों से ज़्यादा फैमिली फिज़ीषियन्स की आवष्यकता है। अगर सरकार पोस्ट ग्रेजुएट सीटों में बढ़ोतरी करना चाहती है तो यह बढ़ोतरी फैमिली मेडिसन में की जानी चाहिए। डॉ. केतन देसाई आरेशन, आईएमए कॉलेज ऑफ जनरल प्रैक्टीश्नर्ज के चीफ पैटरन डॉ. एस अरुलरहाज ने कहा कि 90 प्रतिषत बीमारियों में विशेषज्ञ सलाह की ज़रूरत नहीं होती, बल्कि फैमिली फीजि़शियन इनका इलाज कर सकता है। आईएमएसीजीपी के डीन डॉ. ई प्रभावति और डीन इलैक्ट डॉ. वीके मोंगा ने कहा कि आईएमए के सदस्यों द्वारा चलाए जा रहे छोटे मेडिकल संस्थानों को चाहिए कि वह लोगों को किफायती इलाज और सेवाएं प्रदान करें। यूपी शाखा के अध्यक्ष डॉ. शरद अग्रवाल, आईएमएसीजीपी के ऑन्रेरी सेक्रेटरी डॉ. ए राजा राजेश्वर और आईकन 2015 के ऑर्गेनाईजिंग सेक्रेटरी डॉ. बी.बी वधवा ने कहा कि फैमिली फिजि़शियन की जिम्मेदारी सिर्फ लोगों का इलाज करना ही नहीं है, बल्कि ज़रूरत पड़ने पर उन्हे सही मेडिकल केंद्र में भेजना भी है। उन्हें अपने उन मरीज़ों को जो आर्थिक तौर पर इलाज करवाने में सक्षम नहीं हैं, उन्हें उन हस्पतालों के बारे में भी जानकारी देनी चाहिए जहां मुफ्त और कम खर्च में इलाज होता है।इस मौक पर श्रीलंका के डॉ. पृथी विजेगूनवार्डदेने, अकेडमी ऑफ फैमिली फीजि़शियन्स ऑफ इंडिया के अध्यक्ष डॉ. रमन कुमार ने भी अपने विचार व्यक्त किए। डॉ. एन.के ग्रोवर, डॉ. विवेका कुमार, डॉ. बीसी छपरवाल और डॉ. रजनीष मल्होत्रा ने कहा कि दिल की बीमारियों के इलाज में भारत सबसे आगे है। देश में ज़्यादातर दिल के रोगों के निजी हस्पताल हैं। जिनमें उच्च स्तर की दिल की बीमारी संबंधी सेवाएं देश में 20 प्रतिषत लागत पर उपलब्ध हैं, वह मरीज़ों के लाखों डॉलर बचा रहे हैं। आईएमएसीजीपी के डीन डॉ. ई प्रभावति ने अपने वक्तव्य में पालिसिस्टिक ओवेरियन सिंडरोम से पीडि़त युवतियों का दवाओं से इलाज करने से पहले खान-पान नियंत्रण और व्यायम को अपनाने पर ज़ोर दिया। ।
अंत में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के परिचय के तौर पर बताना बेहद ज़रूरी है कि आईएमए देश की इकलौती ऐसी संस्था है जो आधुनिक चिकित्सा पद्धति के डॉक्टरों का राष्टृीय स्तर पर प्रतिनिधित्व करती है। यह एक स्वपोषित संस्था है जो अपने सदस्यों के साथ-साथ समाज की बेहतरी के लिए भी कार्य करती है। इसका हेडक्वार्टर दिल्ली में है और सभी राज्यों व केंद्र शासित राज्यों में भी इसके केंद्र हैं। सबसे खास बात यह है कि इसमें 2,15000 से भी ज्यादा सदस्य डॉक्टर हैं जो कि देश भर में फैले संस्था के स्थानीय केंद्रों के माध्यम से सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।

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आज़ाद ख़ालिद टीवी जर्नलिस्ट हैं, सहारा समय, इंडिया टीवी, वॉयस ऑफ इंडिया, इंडिया न्यूज़ सहित कई नेश्नल न्यूज़ चैनलों में महत्वपूर्ण पदों पर कार्य कर चुके हैं। Read more

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