प्रधानमंत्री ने रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के द्वारा देश को संबोधित करते हुए कहा कि ‘मन की बात, एक वर्ष, अनेक बातें। उन्होने कहा कि क्या मैने खोया आपने क्या पाया, लेकिन मैंने बहुत कुछ पाया। लोकतंत्र में जनशक्ति का बहुत महत्व है और इसमें मेरा हमेशा विश्वास रहा है। मन की बात ने मुझे सिखाया और मैंने अनुभव किया की जनशक्ति अपरंपार होती है।’
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘मन की बात के लिए लाखों की तादाद में लोगों द्वारा सुझाव देना, अपने मे बहुत बड़ी शक्ति है। प्रधानमंत्री को लिखे लाखों पत्रों ने उन्हें बहुत बड़ा पाठ पढ़ाया। उन्होने आकाशवाणी का भी शुक्रिया करते हुए कि उन्होंने इन सुझावों को सिर्फ एक कागज़ नहीं माना, एक जन-सामान्य की आकांक्षा माना। आकाशवाणी ने इसके बाद कार्यक्रम किए। सरकार के भिन्न-भिन्न विभागों को आकाशवाणी में बुलाया और जनता की बातें उनके सामने रखींI प्रधानमंत्री ने कहा कि मन की बात कार्यक्रम ने समाज-शक्ति की अभिव्यक्ति का एक अवसर बना दिया है।