दिल्ली(14जुलाई2015)- पत्रकारिता को बदनाम करने वालों र इसकी आड़ में अपराध को अंजाम देने वालों की भी कमी नहीं है। थाना खजूरी खास पुलिस नें एक ऐसा फर्जी पत्रकारों का गिरोह पकडा है, जो लडकी के सहारे विक्टिम को अपनें जाल में फंसातें थे। ये लोग अपने शिकार को एक कमरा मुहैया कराकर लडकी के साथ उसकी फोटो खींच कर ब्लैकमेल करते थे। पुलिस के मुताबिक़ इस सब के बाद ये लोग विक्टिम के खिलाफ रेप केस दर्ज करानें की धमकी देकर उससे डरा कर मोटी रकम वसूलते थे। पुलिस ने इस आरोप में पांच फर्जी पत्रकारों को गिरफ्तार करने का दावा किया हैं। पुलिस को इनके पास सें फर्जी चैनल आईडी व कैमरा तथा कुछ फर्जी आई कार्ड वरामद किये हैं।
दिल्ली पुलिस के उत्तर पूर्वी जिला उपायुक्त बीनू बंसल के मुताबिक़ देश के चौथे स्तम्भ कहे जानें वाले पत्रकारिता के नाम पर ये इलाके से लोगों को लडकी के सहारे फंसा कर मोटी रकम वसूल रहें थे। श्री बंसल ने बताया कि अब तक तीन लोगों को ये अपना निशाना बना चुके थे। चौथे को निशाना बनाने से पहले ही ये सभी पुलिस की गिरफ्त में आ गए।
बीनू बंसल ने आगे बताया कि खजूरी थाना पुलिस को 12 जुलाई को राजेन्द्र नाम के शक्स के अपहरण की सूचना मिली थी। जिसके बाद पुलिस ने मामले को गंभीरता सें लेकर छानबीन शुरु कर दी। .पुलिस अपह्रत व्यक्ति के परिजनों के सम्पर्क में रहकर इसकी तह तक पहुंची। इसी बीच उनके फोन पर एक लाख की फिरौती की धमकी आ रही थी। .पुलिस ने मामले को पूरी मुस्तैदी के साथ हल करते हुए इन पांचों को गिरफ्तार करनें में कामयाब हो गई, .और पीडित राजेन्द्र को यू.पी के नेता गुलजार अल्वी के घर सें सकुशल मुक्त करा लिया। उपायुक्त बीन बंसल के मुताबिक़ गुलजार किसी राजनीतिक पार्टी का नेता भी हैं। इस पर पहलें भी कई मामलें दर्ज है। कुल मिला कर दिल्ली पुलिस की इस कामयाबी से एक अपहृत तो सकुशल बरामाद हुआ ही है साथी ही पत्रकारिता की आड़ में काले कारनामों को अंजाम देने वाले चेहरे भी बेनक़ाब हो गये। दिल्ली से प्रदीप श्रीवास्त की रिपोर्ट।