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ट्रैफिक कंट्रोल का सच-स्कूल के अंदर बच्चों को लेक्चर, स्कूल के बाहर लंबा जाम

traffic month in thakurdwara1traffic month in thakurdwaraगाजियाबाद (7नवंबर2015)- पिछले छह दिनों से गाजियाबाद ट्रैफिक पुलिस ट्रैफिक कंट्रोल और सड़क सुरक्षा को लेकर बाक़ायदा यातायात माह मना रही है। इसके तहत लगभग हर दिन गाजियाबाद ट्रैफिक पुलिस के अफसर किसी न किसी स्कूल में बच्चों के बीच जाकर ट्रैफिक नियमों के बारे में लैक्चर दे रहे हैं। traffic month in thakurdwara3traffic month in thakurdwara4
लेकिन आज हम ट्रैफिक कंट्रोल को लेकर गाजियाबाद पुलिस के दावों के अलग अलग पहलू दिखा रहे हैं। पुलिस के दावे क्या है और ज़मीनी सच्चाई क्या, इसका फैसला आप खुद करें।
सबसे पहले गाजियाबाद पुलिस मुख्यालय द्वारा जारी एक प्रेस रिलीज़ की बात करते हैं। जिसमें बताया गया है कि 6 नवंबर यानि शुक्रवार से लेकर शनिवार के दोपहर 12 बजे तक चैकिंग के दौरान ट्रैफिक कानून को तोड़ने वाले 1344 लोगों के चालान करके उनसे 8900-00 रुपए वसूले गये हैं।
इसके बावजूद हमारी टीम ने जब गाजियाबाद की सड़कों पर दौड़ रहे वाहनों का जायज़ा लिया तो लाल कुआं से घंटाघर होते हुए बार्डर तक जाने वाले विक्रम, पूराना बस स्टैंड से स्टेशन तक चलने वाले थ्री व्हीलरों और शहर के कई हिस्सों में चल रहे सवारी टैम्पों वाहनों को चलाने वाले अनगिनत ऐसे चालक दिखे जिनके पास न तो ड्राइंविग लाइंसेस था और न ही उनके कागज़ात के पूरे होने का दावा किया जा सकता था। इस बारे में और गहराई से पता करने पर सुनने में आया कि इनको कागज़ या डीएल की नहीं बल्कि पुलिस की मंथली की फिक्र ज्यादा रहती है। जबकि हापुड़ मोड़ से पुराना बस स्टैंड तक माल वाहक टैम्पो, हापुड़ मोड़ से घंटाघर तक पुल के नीचे लावारिस कारों और वाहनों को चैक करने की फुरसत अपनी पुलिस के पास नहीं थी। traffic month in thakurdwara.jpg5 traffic month in thakurdwara.jpg6
इसके अलावा पुराना बस स्टैंड के चौराहे के चारों तरफ बेतहाशा और बेतरतीब थ्री व्हीलरों की गतिविधियां तो ये संदेश दे रहीं थीं कि यहां यातायात माह तो क्या.. शायद कोई ट्रैफिक पुलिस भी है कि नहीं। ये अलग बात है कि आम कार चालक और दो पहिया वाहनों और जेब पर गाजियाबाद ट्रैफिक पुलिस की पूरी नज़र दिखी।
अब देखते हैं गाजियाबाद पुलिस की प्रैस रिलीज़ की एक और सूचना। जिसके मुताबिक़ शहर के प्रतिष्ठित स्कूल ठाकुर द्वारा में टीआई पीपी कर्णवाल ने हज़ारों बच्चों को ट्रैफिक नियमों की जानकारी दी। यक़ीनन ये एक सराहनीय क़दम है। सबसे बड़ी बात यह है कि इस दौरान ठाकुर द्वारा स्कूल के प्रबंधन और बच्चों न सिर्फ इस लैक्चर को ध्यान से सुना बल्कि अनुशासन का बेहद सुंदर नमूना भी पेश किया। ठाकुर द्वारा में हुए लैक्चर की तस्वीरों से इस आयोजन की सफलता साफ दिखाई देती है, जिसके लिए गाजियाबाद पुलिस बधाई की पात्र है।
लेकिन इसके ठीक उलट जब हमारी टीम ने ठाकुर द्वारा स्कूल के ठीक सामने हापु़ड़ मोड़ से पुराने बस स्टैंड और दिल्ली गेट के अलावा नये बस स्टैंड तक लगे जाम का जायज़ा लिया। तो लगा कि यहां ट्रैफिक पुलिस के दावे शायद खोखले हो गये हैं। शनिवार को गाजियाबाद शहर रेंगता नजर आया । पुराने बस अड्डे से नए बस अड्डे तक घण्टो जाम लगा रहा । जिससे लोगो को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा । इस सबके लिए गाजियाबाद पुलिस ने कुछ मजबूरियां भी बताईं। हापुड़ मोड़ पर मौजूद ट्रैफिक पुलिस ने जाम का कारण मैट्रो के निर्माण कार्य के अलावा त्योहार नजदीक होना भी बताया । उनके मुताबिक़ हापुड़ मोड़ पर तीन तरफ से ट्रैफिक आता है । और रास्ता पतला है । वहीं बाजार में भी भारी भीड़ भी एक वजह बताई गई । कुछ चौराहों पर जब हमने ट्रैफिक पुलिस से पूछा कि ट्रैफिक कंट्रोल के लिए सड़क की एक तरफ खड़े होने के बजाय चौराहे पर बीच में क्यो नहीं खड़े नहीं होते ? बताया कि हमारे लिए बूथ नहीं हैं । और लोग ट्रैफिक के नियमों का भी पालन नहीं करते एक और कान्स्टेबल जो कि ठाकुर द्वारा फ्लाईओवर के शुरू में खड़े थे। उन्होने बताया कि यहां पर अकेले ट्रैफिक कन्ट्रोल करना पड़ता है । जबकि यहां कम से कम दो हवलदार की जरुरत है। traffic month in thakurdwara.jpg 7
इसके अलावा सड़कों पर दौड़ रहीं खचाखच भरी प्राइवेट बसों पर लटकती सवारियां ये साबित करने के लिए काफी थीं कि मंथली दो और फिर करो कुछ भी, चाहे यातायात माह ही क्यों न हो।

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आज़ाद ख़ालिद टीवी जर्नलिस्ट हैं, सहारा समय, इंडिया टीवी, वॉयस ऑफ इंडिया, इंडिया न्यूज़ सहित कई नेश्नल न्यूज़ चैनलों में महत्वपूर्ण पदों पर कार्य कर चुके हैं। Read more

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