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कलमे का मानने वाला कभी आतंकी नहीं हो सकता-इस्लाम सभी को बराबरी का हक़ देता है!

vishw shanti sammelan ghaziabadvishw shanti sammelan ghaziabad1vishw shanti sammelan ghaziabad2मसूरी/ग़ाज़ियाबाद (13 नवंबर 2015)- देश के मौजूदा हालात, घटती सहिष्णुता, शिक्षा और आतंकवाद जैसे कई गंभीर मुद्दों को लेकर चल रही बेचैनी को लेकर उलेमाओं और धर्म गुरुओं ने भी मंथन शुरु कर दिया है। इसी सबको लेकर मसूरी के जामिया महमूदुल मदारिस में भी दो दिन का चिंतन शिविर आयोजित किया गया। जिसमें 225 हाफ़िज़ों की दस्तारबंदी के अलावा कई धर्मों के गुरुओं ने विश्व शांति और भाईचारे को लेकर अपने विचार रखे और समाज को दिशा और दीक्षा देने की कोशिश की।
इस मौके पर उलेमाओं ने ज़ोर देकर कहा कि इस्लाम सबको बराबरी देने और उनके अधिकारों की रक्षा करने वाला धर्म है। सबूत के तौर पर सऊदी को देखा जा सकता है जहां लाखों की तादाद में हिंदु, सिख ईसाई और कई दूसरे मज़हबों के मामने वाले लोग मौजूद हैं और सऊदी अरब में क़ुरान और हदीस को अपना आईन मानने वाली इस्लामिक हुकूमत द्वारा सभी को बराबरी का अधिकार दिया जाता है। इस बारे में लखनऊ स्थित विश्व प्रख्यात मदरसे और इस्लामिक अध्यन केंद्र नदवतुल उलूम के सदर मौलाना सलमान नदवी ने सऊदी अरब के मौजूदा हाकिम मलिक सलमान को अपना सीनिययर क्लासमेट बताते हुए वहां की हुकूमत का तर्ज़े-हुकमूत बयां किया। उनका कहना था कि वहां की हकूमत मज़हब की बुनियाद पर न तो किसी का वीज़ा रोकती न ही किसी के साथ ग़ैरबराबरी का सुलूक करती है। मौलाना नदवी ने मुल्क के मौजूदा हालात पर अफसोस ज़ाहिर करते हुए कहा कि नफरतों की हवा इक़तदार की बुलंदियों से नीचे के जानिब बह रही है।
पंजाब के शाही इमाम मौलाना हबीबुर्रहमान सानी लुधयानवी ने अपनी तक़रीर में कहा कि मुल्क की आज़ादी के लिए हज़ारों उसेमाओं ने अपनी जान की बाज़ी लगाई थी। मौलाना ने कहा कि इस मुल्क पर सभी का बराबर हक़ नहीं है। उन्होने भारत की तुलना एक ऐसे गुलदस्ते से की जिसमें भांति भांति के फूल सजाए गये हों।
प्रोग्राम की सदारत के फ़रायज़ अंजाम दे रहे आलमी शोहरतयाफ्ता इस्लामिक यूनिवर्सिटी दारुल-उलूम देवबंद के साबिक़ वाइसचांसलर और जाने माने इस्लामिक मुफक्किर और आलिम-ए-दीन मौलाना ग़ुलाम अहमद वस्तानवी ने देश की तरक़्क़ी और समाज की भलाई के लिए सहिष्णुता को बेहद ज़रूरीर बताया। उन्होने देश में शांति, भाई-चारा आपसी मेलजोल के बग़ैर एक तंदरुस्त ज़हन और पॉज़िटिव सोच को नामुमकिन बताया। मौलाना ग़ुलाम वस्तानवी ने अपनी ज़िंदगी के इल्मी और समाजी तजुर्बे की बुनियाद पर सभी मज़हबों के मानने वाले इंसानों के बीच आपसी मौहब्बत की ज़रूरत को बेहद ज़रूरी क़रार दिया। 2700 मदरसों के सरपरस्त मौलाना वस्तानवी ने उर्दु को भाईचारा क़ायम करने वाली ज़ुबान क़रार बताते हुए उत्तर प्रदेश हुकुमत से कर्नाटक, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश जैसे कई राज्यों की तर्ज़ पर सरकारी तौर पर उर्दू मीडियम स्कूल खोलने की मांग भी की। मौलाना ग़ुलाम अहमद वस्तानवी ने तालीम की एहमियत पर रोशनी डालते हुए कहा कि जहालत एक बीमारी है जबकि तालीम उसकी दवा। मौलाना वस्तानवी ने शिक्षा को बेहद ज़रूरी बताते हुए कहा कि शिक्षित समाज के बीच ही गुडमैनर्स के बारे में सोचा जा सकता है। मौलाना वस्तानवी ने बतौर इस्लामिक स्कॉलर समाज को हुज़ूर-ए-अक़दस जनाब-ए-मौहम्मद मुस्तफा (सल्लललाहुअलयहिवसल्लम) का एक क़ौल याद दिलाया जिसमें कहा गया है कि दुनियां का सबसे बेहतर इंसान वही हो सकता है जो पूरी इंसानियत के साथ बेहतर सुलूक करे और खुशइख़ालक़ी से पेश आए।
इस मौके पर मौलाना सलमान मंसूरपुरी ने हालात के उतार चढ़ाव से घबराने के बजाए अल्लाह के बताए रास्तों पर चलने की तलक़ीन की।
इज़तेमा के मेहमान-ए-ख़ुसूरी रहे कल्कि पीठाधीश्वराचार्य जनाब आचार्य प्रमोद कृष्णम ने अपने ओजस्वी विचारों से मसूरी के मदरसे में मौजूद विशाल जनसमूह का दिल जीत लिया। उन्होने कहा कि मुसलमान प्रेम का प्रसारक है, आतंकवादी नहीं। साथ ही उन्होने भगवान राम को मर्यादा पुरुषोत्तम राम बताते हुए कहा कि राम पुरुषोत्तम हैं न कि हिंदु पुरषोत्तम। आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि पैग़म्बर-ए-ख़ुदा हज़रत मौहम्मद(स.) रहमतुल्लिलआलमीन हैं न कि रहमतुल्लिलमुस्लिमीन। यानि मौहम्मद(स.) सारी दुनियां के लिए रहमत लाए न कि सिर्फ मुसलमानों के लिए। इसी तरह महापुरुषों और गुरुओं का ज्ञान सभी के लिए न कि किसी एक धर्म के लिए।
इज्तिमा में आए हुए मेहमानों का शुक्रिया अदा करते हुए मदरसे के मोहतमिम मौलाना ख़ालिद क़ासमी ने मदरसा जामिया महमूद-उल मदारिस को एक बेहतर इस्लामिक अध्यन केंद्र और समाज में आपसी भाईचारा क़ायम करने वाले इदारे के तौर पर कार्य करने की मज़बूत इच्छा का इज़हार किया।
इस मौके पर हिफ्ज़ ए क़ुरान मुकम्म्ल करने वाले 225 छात्रों का मौलाना सय्यद बिलाल ने पगड़ी बांधकर स्वागत किया।
इस मौके पर मुरादाबाद के मदरसा शाही के मोहतमिम मौलाना सय्यद अशहद रशीदा ने भी ख़िताब किया। इज्तिमा में मुफ्ती मौहम्मद ताहिर, मसूरी मदरसे के नायब मौहतमिम मौलाना अरशद ख़ालिद क़ासमी उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री शाहिद मंज़ूर सहित कई जाने माने लोग मौजूद थे।

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आज़ाद ख़ालिद टीवी जर्नलिस्ट हैं, सहारा समय, इंडिया टीवी, वॉयस ऑफ इंडिया, इंडिया न्यूज़ सहित कई नेश्नल न्यूज़ चैनलों में महत्वपूर्ण पदों पर कार्य कर चुके हैं। Read more

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