नई दिल्ली (4 जुलाई 2015)- इज़रायल के हाथों मासूम बच्चों, बुज़ुर्गों और महिलाओं पर किये अत्याचार के ख़िलाफ संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार परिषद द्वारा लाए प्रस्ताव पर भारत के रवय्ये से जनता दल यू ख़ासा नाराज़ है। इस मामले पर जनता दल (यू) ने कड़ा विरोध जताया है और कहा है कि केंद्र की बीजेपी सरकार के इस क़दम से देश की गुटनिरेपेक्ष छवि और अरब देशों के साथ भारत के रिश्तो में कड़वाहट पैदा हो सकती है।
जनता दल (यू) के राष्ट्रीय महासचिव, राज्यसभा सांसद और प्रवक्ता के सी द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि पिछले 60 वर्षो में भारत की छवि गुटनिरपेक्ष देश की रही है । पिछले साल इज्रायल द्वारा हमलों में सैंकड़ो बेगुनाह फिलस्तीनी बूढ़े, बच्चों, और महिलाओ, की जानें गई थी ।इस मामले में हामरी सरकार द्वारा इज्रायल के पक्ष में खड़ा होना निंदनीय है ।
उन्होने कहा कि केन्द्र सरकार के इस कदम से इज्रयाल का मनोबल बढ़ेगा जबकि भारत की गुटनिरपेक्ष देश होने की छवि को ठेस लगी है। के.सी त्यागी के मुताबिक़ केन्द्र सरकार के इस कदम से पश्चिमी एशिया का कोई भी देश भारत के साथ खड़ा होने में हिचकिचाएगा, साथ ही उन्होने कहा कि इस निर्णय से अरब देशो के साथ भारत के रिश्ते बिगड़ने की शुरूआत हो गई है ।
पुराने समाजवादी विचारक और राज्यसभा सांसद केसी त्यागी के मुताबिक भारत की विदेशी नीति के विपरीत केंद्र सरकार द्वारा उठाया गया यह क़दम एक गंभीर विषय है। साथ ही उन्होने ताज्जुब ज़ाहिर करते हुए सवाल उठाया कि इज़रायल के हाथों बेगुनाह बच्चों, बूढ़ों और महिलाओं पर किये अत्याचार और अमानवीय बर्ताव के विरुद्ध जब दुनियां के 40 से भी अधिक देश अपना विरोध दर्ज करा सकते हैं तो भारत क्यों नहीं।