नई दिल्ली(31अगस्त2015)- आरक्षण को लेकर जेडीयू ने संघ परिवार पर निशाना साधा है। आरएसएस के विचारक एमजी वैद्य के बयान का जनता दल यूनाइटेड ने विरोध किया है। राज्य सभा सांसद और जनता दल यू के प्रवक्ता केसी त्यागी ने आरएसएस के विचारक एम जी के उस बयान का विरोध किया है जिसमें उन्होने जाति आधारित आरक्षण को समाप्त करने की वकालत की है।
दरअसल वैद्य ने पिछड़ी जाति, जनजाति व अन्य वंचित वर्गों को सरकारी नौकरियों व संस्थानों में दी जा रही आरक्षण व्यवस्था का विरोध किया है।लेकिन जेडीयू का मानना है कि संघ का यह प्रयास पिछड़ों व दलित समूहों के अधिकारों का निश्चित रूप से हनन है। जबकि वैद्य ने कहा है कि अब जाति आधारित आरक्षण की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि अब कोई भी जाति पिछड़ी नहीं है। रियायत के रूप में दिया गया आरक्षण उनका अधिकार बन गया है। उन्होंने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि महाराष्ट्र में दलितों पर अत्याचार उनकी जाति के कारण नहीं हुआ बल्कि इसके कारण जमीनी विवाद व अन्य कारण रहे हैं।
केसी त्यागी का कहना है कि इसके लिए जनता दल (यू) संघ की ऐसी सोच और प्रयासों का कड़े शब्दों में निंदा करता है। केसी त्यागी ने कहा कि भारतीय संविधान में आर्थिक और सामाजिक तौर पर पिछड़े वर्ग समूहों को आरक्षण प्रदान करने की व्यवस्था है । इसमें किसी भी तरह छेड़-छाड़ देश की बड़ी समाजिक व्यवस्था के साथ अन्याय होगा। उन्होंने कहा कि एनडीए में शामिल दलों के नेता राम विलास पासवान, उपेंद्र कुशवाहा तथा जीतन राम मांझी अतीत में जनता दल में रहते हुए जाति आधारित आरक्षण की मांग और इसे और मजबूत किये जाने की बात करते आये हैं। इनकी राजनीति की धुरी ही सामाजिक न्याय रही है। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार में आरएसएस ही नीति निर्धारक है, इसके घटक दलों को निर्देश का पालन करना पड़ रहा है। केसी त्यागी ने रामविलास पासवान, माझी आदि नेताओं पर कटाक्ष करते हुए कहा कि सत्ता का मोह इन नेताओं को इतना अवसरवादी बना देगा, इसकी कल्पना भी नहीं थी। बिहार चुनाव के महागठबंधन की मजबूती ने ही संघ विचारक को इस प्रकार का वक्तव्य देने को विवश किया है।