house tax गाजियाबाद (2 जुलाई 2025) गाजियाबाद नगर निगम में संपत्ति कर में प्रस्तावित वृद्धि का मामला गरमा गया है। महापौर सुनीता दयाल की अध्यक्षता और नगर आयुक्त विक्रमादित्य सिंह मलिक के नेतृत्व में हुई हंगामेदार बैठक के बाद बढ़ा टैक्स नहीं वसूलने के निर्णय लिया गया बैठक में पार्षदों के कड़े विरोध के बाद फिलहाल बढ़े हुए टैक्स को स्थगित कर दिया गया है। महापौर ने साफ किया है कि नगर निगम बढ़ा हुआ टैक्स नहीं लेगा इसके लिए सदन बुलाकर ही टैक्स की नई दरें तय की जाएंगी।
वंदे मातरम के साथ शुरू हुई निगम की इस विशेष बैठक में पार्षदों ने बढ़े हुए संपत्ति कर का जोरदार विरोध किया। पार्षद रुखसाना तो विरोध में तख्ती लेकर ही सदन पहुंचीं। पार्षदों ने इस मुद्दे पर कड़ी आपत्ति जताते हुए निगम के इस फैसले को वापस लेने का दबाव डाला। हंगामे के बीच, महापौर और नगर आयुक्त ने पार्षदों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन विरोध जारी रहा. इस दौरान महापौर ने सभी पार्षदों से बढ़े हुए टैक्स पर उनकी राय मांगी।
महापौर सुनीता दयाल ने बैठक में महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं। उन्होंने कहा कि “जितना फंड होगा, उतना ही विकास होगा.” उन्होंने टैक्स वसूली में कर्मचारियों की जवाबदेही तय करने और नीचे के कर्मचारियों की मिलीभगत की जांच कराने की भी बात कही। साथ ही, टैक्स का बिल बनाने के लिए कर्मचारियों की जिम्मेदारी तय होगी. महापौर ने निगम को आत्मनिर्भर बनाने पर जोर दिया।
इस महत्वपूर्ण बैठक में कैबिनेट मंत्री सुनील शर्मा, सांसद अतुल गर्ग, विधायक अजित पाल त्यागी, संजीव शर्मा सहित तमाम पार्षद और निगम अधिकारी मौजूद थे।
संपत्ति कर के मुद्दे पर निगम पार्षदों और निगम प्रशासन के बीच फिलहाल तकरार बढ़ती दिख रही है. निगम के इस फैसले के बाद अब सभी की निगाहें इस पर टिकी हैं कि इस मुद्दे पर आगे क्या कार्रवाई होगी. फिलहाल, सदन में इस मुद्दे पर गंभीरता से चर्चा जारी है। क्या गाजियाबाद नगर निगम सचमुच आत्मनिर्भरता की राह पर बढ़ पाएगा और नागरिकों पर टैक्स का बोझ कम होगा, यह देखना दिलचस्प होगा।